करता हूँ घोषणा अपने अंत की!
शीर्षक – करता हूँ घोषणा अपने अंत की!
विधा – कविता
परिचय- ज्ञानीचोर
शोधार्थी व कवि साहित्यकार
मु.पो. रघुनाथगढ़, सीकर राज.
मो.9001321438
करता हूँ घोषणा अपने अंत की!
घुटते जीवन का विस्तार क्या!
छल-छंद अमर जीवन में पनपा
सिकुड़ती साँसों की पुकार क्या?
विद्रोह करने विप्लव लाने
भड़काने हर छाती चिंगारी
हथियार कलम बनी मेरी
उपाय खोजने मुक्ति का
करता हूँ घोषणा अपने अंत की!
समर शेष कितने जीवन में
चिंता फूटती ज्वाल शिखा सी
खोजने साँसों के अस्तित्व
लुप्त वाणी अभिप्राय खोजने
करता हूँ घोषणा अपने अंत की!