Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jan 2022 · 1 min read

कया खुब दुनिया थी मेरी

कया खुब दुनिया थी मेरी
तू था तेरी यादें थी मेरी
सपनो कि डोली ऑंखों में सजवाया था मेरे
दुल्हन कुछ यूँ बनाया था तुने
तेरे नाम कि मेहंदी लगवाया था मेने
कुछ यूँ तुझे अपना बनाया था मेने
मेरी सपनो कि डोली तुने तोडी़ तो थी
मुझे अपना कह कर मुझसे ऑंखें मोड़ तो थी
अभी भी याद मै तो आती हि होगीं
तेरे पलकों छु कर जाती हि होगीं
तेरे धड़कन को बढ़ाती ही होगीं
पर तेरे दि गई बेवफाई को याद दिलाती हि होगीं

Language: Hindi
388 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
तू छीनती है गरीब का निवाला, मैं जल जंगल जमीन का सच्चा रखवाला,
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
सावन के झूलों पे, पूछे सखियाँ
gurudeenverma198
ग़ज़ल होती है
ग़ज़ल होती है
Anis Shah
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
हर इंसान वो रिश्ता खोता ही है,
Rekha khichi
कभी-कभी ऐसा लगता है
कभी-कभी ऐसा लगता है
Suryakant Dwivedi
गृहिणी (नील पदम् के दोहे)
गृहिणी (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
*छाई है छवि राम की, दुनिया में चहुॅं ओर (कुंडलिया)*
*छाई है छवि राम की, दुनिया में चहुॅं ओर (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सगीर की ग़ज़ल
सगीर की ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3320.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
सफ़र अभी लंबा है...
सफ़र अभी लंबा है...
Ajit Kumar "Karn"
मेरा सपना
मेरा सपना
Adha Deshwal
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ज्यों स्वाति बूंद को तरसता है प्यासा पपिहा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
कहनी चाही कभी जो दिल की बात...
Sunil Suman
🙅आज का सच🙅
🙅आज का सच🙅
*प्रणय प्रभात*
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
बस जाओ मेरे मन में , स्वामी होकर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
होली आई रे
होली आई रे
Mukesh Kumar Sonkar
*** एक दौर....!!! ***
*** एक दौर....!!! ***
VEDANTA PATEL
"इंसान की फितरत"
Yogendra Chaturwedi
"वक्त की बेड़ियों में कुछ उलझ से गए हैं हम, बेड़ियाँ रिश्तों
Sakshi Singh
काले दिन ( समीक्षा)
काले दिन ( समीक्षा)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
सबसे प्यारा माॅ॑ का ऑ॑चल
VINOD CHAUHAN
1
1
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
అదే శ్రీ రామ ధ్యానము...
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
"असम्भव"
Dr. Kishan tandon kranti
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
जरुरी है बहुत जिंदगी में इश्क मगर,
शेखर सिंह
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
“Mistake”
“Mistake”
पूर्वार्थ
ख़ुद की खोज
ख़ुद की खोज
Surinder blackpen
मन  के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
मन के बंद दरवाजे को खोलने के लिए
Meera Thakur
लोभ मोह ईष्या 🙏
लोभ मोह ईष्या 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
Loading...