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5 Jun 2024 · 1 min read

कम से कम..

कम से कम..
इतना सुकून तो है मुझे
न चेहरा बदला मैंने
न फ़ितरत अपनी
न होश खोया कभी
न नीयत बदली
मुश्किलें आयीं तमाम यूँ तो
दौर ए जिंदगी में
क़ायम रखा अपना वज़ूद फिर भी

हिमांशु Kulshrestha

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