Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Apr 2021 · 2 min read

कम बोलें, मीठा बोलें

एक आम कहावत है कि अधिकता हर चीज की नुकसान करती है,फिर भला अधिक बोलना इससे अछूता कैसे रह सकता है।हम सबको अपने आप की वाणी पर संयम रखना है,जितनी जरूरत हो उतना ही बोलें,बात को बेवजह खींचने से बचना है।जो भी बोलें,सोच समझकर बोलें,मीठा बोलें,संतुलित बोलें,समयानुसार बोलें, कम और मीठे मधुर शब्दों में बोलें।शहद मिश्रित शब्दरस की वाणी वर्षा करें।अधिक और बेवजह बोलने से हमारी ऊर्जा व्यर्थं होती है,विवाद और तनाव के अलावा बोलने की भाषा, शैली और शब्दोद्गार बड़े तनावों, विवादों और संघर्ष तक को जन्म दे देते हैं। वहीं कम और मीठे मधुर स्वर शब्दोद्गार बड़ी बड़ी समस्याओं के समाधान में भी सहायक होते हैं।हमारे शब्दोद्गार हमारे परिवार, आस पड़ोस, समाज और संसार के माहौल को भी प्रभावित करते हैं।यही नहीं हमारे निजी, पारिवारिक, सामाजिक, व्यवहारिक जीवन में भी हमारी बोली, वाणी अभूतपूर्व परिवर्तन का कारक भी बनती है।
सच्चाई तो यह है कि हमें अपनी भूख,परिवार ,समाज, लाभ हानि की बहुत चिंता रहती है,ऐसे में यदि हम अपनी बोली की धारा को मीठी नदी की धारा सरीखे बनाने का सतत् प्रयास करें तो हमारी बहुत सी चिंताएं बिना किसी श्रम के ही समाप्त हो जायेंगी और हमारी मानसिक शक्ति, शारीरिक ऊर्जा सुरक्षित रह सकेगी।जिसका लाभ स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से भी परिलक्षित हो सकेगा।
वाणी में अपनों को पराया और परायों को अपना बनाने की शक्ति है।कहा भी जाता है कि हमारी बोली वाणी हमें सम्मान भी दिलाती है,अपमान भी,गुड़ भी खिलाती है और मार भी।
तो आइए आज से हम,आप, सभी कम बोलो,मीठा बोलो के विभिन्न पहलुओं पर अपनी भावोभिव्यक्ति , शब्दाभाव ,चिंतन, मनन को सकारात्मक भाव को प्रदर्शित करते हुए कुछ विशेष प्रयास करें।अपने मीठे रसीले शब्दबाणों से समाज को मिठास फैलाएं, कुछ ऐसा माहौल बनायें, जिससे हर किसी को लाभ हो,दिशा मिले,और आपका दायित्व बोध भी रेखांकित हो सके।आपको निश्चित ही खुद पर गर्व होगा।
आइए हम सब मिलकर अपनी मीठी वाणी से सकारात्मक और खुशहाली का आधार बनाएं और अपनी वाणी/लेखनी/व्यवहार में प्रचारित/संचारित/प्रकाशित कर साथ साथ में हँसें, मुस्कुरायें, खिलखिलाएँ। संसार को अपनी वाणी से खुशहाली के दायरे में लायें।
● सुधीर श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 360 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कर्म-धर्म
कर्म-धर्म
चक्षिमा भारद्वाज"खुशी"
👤
👤"जिसका स्थिरता और विश्वसनीयता
*Author प्रणय प्रभात*
शराबी
शराबी
Dr. Pradeep Kumar Sharma
क्षितिज पार है मंजिल
क्षितिज पार है मंजिल
Atul "Krishn"
" खामोश आंसू "
Aarti sirsat
* शक्ति आराधना *
* शक्ति आराधना *
surenderpal vaidya
छुड़ा नहीं सकती मुझसे दामन कभी तू
छुड़ा नहीं सकती मुझसे दामन कभी तू
gurudeenverma198
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
चार दिनों की जिंदगी है, यूँ हीं गुज़र के रह जानी है...!!
Ravi Betulwala
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
उलझी रही नजरें नजरों से रात भर,
sushil sarna
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
*अपना है यह रामपुर, गुणी-जनों की खान (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
बेटा
बेटा
Neeraj Agarwal
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
डॉ अरूण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक 😚🤨
DR ARUN KUMAR SHASTRI
भला दिखता मनुष्य
भला दिखता मनुष्य
Dr MusafiR BaithA
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
लोककवि रामचरन गुप्त के रसिया और भजन
कवि रमेशराज
Don't lose a guy that asks for nothing but loyalty, honesty,
Don't lose a guy that asks for nothing but loyalty, honesty,
पूर्वार्थ
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
यारा ग़म नहीं अब किसी बात का।
rajeev ranjan
तू रुक ना पायेगा ।
तू रुक ना पायेगा ।
Buddha Prakash
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
नहीं मिलते सभी सुख हैं किसी को भी ज़माने में
आर.एस. 'प्रीतम'
बाल कविता: हाथी की दावत
बाल कविता: हाथी की दावत
Rajesh Kumar Arjun
उम्मीद -ए- दिल
उम्मीद -ए- दिल
Shyam Sundar Subramanian
गजल सगीर
गजल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
अक्सर चाहतें दूर हो जाती है,
ओसमणी साहू 'ओश'
चुलबुली मौसम
चुलबुली मौसम
Anil "Aadarsh"
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
घर सम्पदा भार रहे, रहना मिलकर सब।
Anil chobisa
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
*चुन मुन पर अत्याचार*
*चुन मुन पर अत्याचार*
Nishant prakhar
"दुविधा"
Dr. Kishan tandon kranti
💐प्रेम कौतुक-363💐
💐प्रेम कौतुक-363💐
शिवाभिषेक: 'आनन्द'(अभिषेक पाराशर)
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
जिस्मों के चाह रखने वाले मुर्शद ,
शेखर सिंह
रिश्तों के
रिश्तों के
Dr fauzia Naseem shad
Loading...