Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
25 Oct 2024 · 1 min read

कमियाँ तो मुझमें बहुत है,

कमियाँ तो मुझमें बहुत है,
पर मैं बेईमान नहीं…

मैं सबको अपना मानता हूँ,
सोचता हूँ फायदा या नुकसान नहीं…

एक शौक है शान से जीने का,
कोई और मुझमें गुमान नहीं…

छोड़ दूँ बुरे वक़्त में अपनों का साथ,
वैसा तो मैं इंसान नहीं…❤️🤍❤️

11 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
कोई दवा दुआ नहीं कोई जाम लिया है
हरवंश हृदय
4629.*पूर्णिका*
4629.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
जीवन बहुत कठिन है लेकिन तुमको जीना होगा ,
Manju sagar
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम
हम
Dr. Pradeep Kumar Sharma
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
नफरत के कारोबारियों में प्यार बांटता हूं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
"" *आओ बनें प्रज्ञावान* ""
सुनीलानंद महंत
जो धनी हैं वे धनी बनते जा रहे हैं,
जो धनी हैं वे धनी बनते जा रहे हैं,
Ajit Kumar "Karn"
सत्य
सत्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
उन्हें क्या सज़ा मिली है, जो गुनाह कर रहे हैं
Shweta Soni
हिंदी कब से झेल रही है
हिंदी कब से झेल रही है
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
सुनो ये मौहब्बत हुई जब से तुमसे ।
Phool gufran
" नम पलकों की कोर "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
*वो जो दिल के पास है*
*वो जो दिल के पास है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"एक-दूजे बिन"
Dr. Kishan tandon kranti
गजब है सादगी उनकी
गजब है सादगी उनकी
sushil sarna
काव्य का राज़
काव्य का राज़
Mangilal 713
मेरे जीवन का सार हो तुम।
मेरे जीवन का सार हो तुम।
Ashwini sharma
राह पर चलना पथिक अविराम।
राह पर चलना पथिक अविराम।
Anil Mishra Prahari
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
उससे कोई नहीं गिला है मुझे
Dr Archana Gupta
प्रेम पीड़ा
प्रेम पीड़ा
Shivkumar barman
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना  कोई मुश्किल या  बहा
आज के वक्त में भागकर या लड़कर शादी करना कोई मुश्किल या बहा
पूर्वार्थ
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कुछ लिखूँ ....!!!
कुछ लिखूँ ....!!!
Kanchan Khanna
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
हमने बस यही अनुभव से सीखा है
कवि दीपक बवेजा
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
Sandeep Thakur
তুমি জে স্যাং থাকো তো
তুমি জে স্যাং থাকো তো
DrLakshman Jha Parimal
हकीकत की जमीं पर हूँ
हकीकत की जमीं पर हूँ
VINOD CHAUHAN
ज़िंदगी जीना सीख जाते हैं ,
ज़िंदगी जीना सीख जाते हैं ,
Dr fauzia Naseem shad
Loading...