कमर पर हाथ रखे, विष्णु के अवतार श्री विठ्ठल क्या संदेश देते है – आनंदश्री
कमर पर हाथ रखे, विष्णु के अवतार श्री विठ्ठल क्या संदेश देते है – आनंदश्री
महाराष्ट्र के संत तुकाराम ने भगवान विठ्ठल को अपने अभंग में बताते है कि ” वि ” यानी ज्ञान और ” ठल ” का अर्थ आकार या मूर्ति – विठ्ठल का अर्थ ज्ञान की मूर्ति, ज्ञान के देवता ।
विठ्ठल को पांडुरंग की भी उपाधि मिली है। महाभारत कालीन शिवभक्त राजा पौंड्र से ही इस उपाधि की उत्पत्ति हुई ऐसा कहा जा सकता है।
पांडुरंग गोरे रंग के शिव भगवान को कहा जाता है। पांडुरंग यह पंढरपुर ( महाराष्ट्र) में निवास करते है। विठ्ठल की मूर्ति गहरे रंग की है।
मूर्ति गहरे रंग की तो पांडुरंग क्यों ?
जो सच्चे भक्त जाग्रत हो जाते है, उनकी दृष्टि जाग्रत होने पर, वे गहरे रंग की मूर्तियों को प्रकाशमय सफेद मूर्ति में देखते है।
विठ्ठल अपने पत्नी रुक्मणि के साथ है जो उनके दिव्य ऊर्जा का प्रतीक है। जो उद्धारकर्ता है।
मूर्ति के पीछे का विज्ञान
विट्ठल की मूर्ति उभरी हुई खुली आंखों के साथ गहरे रंग की है और कमर पर हाथ रखे ईंट पर खड़ी है। जब पुंडलिक ने अपने माता-पिता की सेवा की तो भगवान कृष्ण विठ्ठल के रूप में उनके सामने प्रकट हुए। उस समय अपने माता-पिता की सेवा में किसी भी चूक से बचने के लिए, पुंडलिक ने एक ईंट फेंकी और भगवान को उस पर खड़े होने के लिए कहा। प्रभु उनकी सेवा को प्रशंसा के साथ देख रहे थे। यह मूर्ति अन्य देवताओं की मूर्तियों से अलग है जो या तो हथियार रखते हैं या हाथ से आशीर्वाद देती हैं। इसमें विट्ठल को एक दर्शक ( साक्षीभाव ) के रूप में सब कुछ देखते हुए दर्शाया गया है । इन्द्रियाँ ऊपर और कमर के नीचे होते हैं। कमर पर हाथ का अर्थ है जिसके सभी इंद्रियां नियंत्रण में हैं। जो हमे जीवन मे बैलेंस करना सिखाते है।
हिंदू मास आषाढ़ी की देवशयनी आषाढ़ी एकादशी (ग्यारहवें दिन) पर पंढरपुर यात्रा एवं पांडुरंग विठ्ठल की पूजा की जाती है ।
आषाढ़ी एकादशी का अपना अलग महत्व है । महाराष्ट्र के वारकरी भक्त समुदाय द्वारा पंढरपुर में विशेष व्रत पूजा दर्शन की जाती है। इस वर्ष महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव साहेब ठाकरे अपनी पत्नीसह दर्शन और पूजा अर्चना की।
प्रोफ डॉ दिनेश गुप्ता- आनंदश्री
आध्यात्मिक व्याख्याता एवं माइन्डसेट गुरु
मुम्बई
8007179747