कमर दर्द, पीठ दर्द
✍️ कमर दर्द ✍️
(डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच उत्तर प्रदेश भारत)
सामान्य तौर पर कमर का दर्द घंटों ऑफिस की कुर्सी पर बैठने, या खड़े होकर घर का काम करने या दौड़ भाग का कोई काम करने के कारण हो सकती है।
किसी को यह दर्द तेज हो सकता है तो कभी धीमा। पहले यह समस्या उम्र बढ़ने पर होती थी परंतु अब यह परेशानी लगभग 10 में से 8 लोगों में पाई जाती है।वही कमर दर्द का सही से समय पर इलाज न किया जाए तो आगे चलकर यह दर्द चिंता का कारण बन सकता है। ऐसे में हल्के-फुल्के दर्द के लिए कमर दर्द के कुछ घरेलू इलाज भी किए जा सकते हैं परंतु चिकित्सक का परामर्श अत्यंत महत्वपूर्ण है।
कमर दर्द के कारण
कमर दर्द के संबंध में कुछ विषय सूची बनाई जा सकती है कमर दर्द कितने प्रकार का होता है कमर दर्द के क्या कारण हैं। कमर दर्द के कुछ सामान्य कारण कौन-कौन से हो सकते हैं कुछ स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की वजह से कमर का दर्द होता है । कमर दर्द के प्रमुख लक्षण क्या-क्या है । कमर दर्द का घरेलू इलाज क्या क्या हो सकता है।कमर दर्द का इलाज और इससे बचने के लिए,सोने के कौन से तरीके अपनाएं,कमर दर्द से बचने के लिए बैठने का कौन सा सही तरीका होगा, कमर और पीठ दर्द के लिए कौन कौन से योगासन किए जा सकते हैं। डॉक्टर की सलाह से कमर दर्द के बचाव से बचा जा सकता है।
कमर दर्द के प्रमुख कारण
कमर दर्द के प्रमुख कारण में स्पाइनल स्टेनोसिस “रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना” या “स्लिप डिस्क स्पाइन को सहारा देने वाली डिस्क में से किसी एक का क्षतिग्रस्त होकर अपनी जगह से निकलना” जैसी सामान्य समस्याओं के कारण हो सकती है। यह दर्द 4 से 6 हफ्ते तक रह सकता है ।
इन्फ्लेमेशन के कारण, “मुख्य रूप से सूजन के कारण स्पॉन्डिलो आर्थ्रोपैथीज” (spondyloarthropathies) रीढ़ की हड्डी में सूजन जैसी बीमारी के कारण भी हो सकता है।
Marrow cancer ,नसों के संकुचन या मैरो कैंसर के कारण भी कमर दर्द हो सकता है।
संक्रमण __
रीढ़ ,डिस्क से जुड़े किसी संक्रमण और स्पाइन में घाव की वजह से भी कमर दर्द हो सकता है।
कमर दर्द के दो प्रकार होते हैं।
1_*क्रॉनिक कमर दर्द*
जो कमर दर्द पुराना होता है और लंबे वक्त तक जैसे 6 महीने से ज्यादा समय तक बीत चुका चुका हो उससे क्रॉनिक कमर दर्द कहेंगे।
2 एक्यूट कमर दर्द
यह सबसे सामान्य कमर दर्द है। जिसकी शिकायत अक्सर लोग करते हैं। यह अचानक हो सकता है और कुछ दिनों या कुछ हफ्ते में समाप्त हो जाता है।यह आराम करने से भी ठीक हो जाता है।
कमर दर्द के कुछ सामान्य कारण निम्नलिखित है,,,,
1_गलत मुद्रा में बैठना अर्थात सही तरीके से ना खड़ा होना या सही तरीके से न बैठना।
2 अधिक भारी वस्तुओं को बार बार उठाना
अचानक या झटके से उठना या झटके से बैठना।
3_मांसपेशियों में खिंचाव या तनाव।
किसी प्रकार की एक्सीडेंट के कारण चोट।
4_कुछ बीमारियों के कारण भी कमर दर्द होता है जैसे रीढ़ की हड्डी का सिकुड़ना स्पाइनल स्टेनोसिस हड्डियों की कमजोर होने की समस्या ओस्टियोपोरोसिस, साइटिका, एक नस होती है जब इसमें दर्द होता है तो उसे साइटिका कहते हैं वह कमर दर्द में कमर से नीचे पैर तक जाती है इसके अलावा गठिया आदि।
कमर दर्द के प्रमुख लक्षण
निम्नलिखित हैं
दर्द गर्दन से नितंब तक हो सकता है।
कमर या पीठ दर्द शरीर के अन्य हिस्सों जैसे रीढ़ की हड्डी में भी हो सकता है।
कुछ मामलों में दोनों पैरों में भी दर्द हो सकता है।
लगातार कमर दर्द होने के कारण मूड बदलाव जैसे डिप्रेशन चिड़चिड़ापन उलझन जैसी समस्या भी हो सकती है।
शरीर की गति के कारण भी पेट दर्द हो सकता है।
घरेलू उपाय में
पिपरमेंट का तेल लैवेंडर का तेल। अरंडी का तेल सरसों का तेल जैतून का तेल, अदरक का तेल, तुलसी के पत्ते का रस, लहसुन, आदि का वाह्य उपयोग कर के मालिश कर के लाभ उठाया जा सकता है। सेंधा नमक,एप्सम साल्ट, आदि से गुनगुना कर के धोना चाहिए।
कैमोमाइल चाय,का उपयोग किया जा सकता है।
हाई स्पाइक गरम सिकाई, हीटिंग पैड से सिंकायी की जा सकती है। अनार का जूस,अनानास जूस, हल्दी, का सेवन किया जा सकता है। यह सारी चीजें कमर दर्द में उपयोग करने पर लाभप्रद होती हैं। एलोवेरा का जूस पीने से भी कमर दर्द में लाभ मिलता है।
सावधानियां
गर्म पानी से नहाए, इससे भी कमर दर्द ठीक होता है कमर दर्द में मालिश करने के लिए विशेषज्ञ की सहायता लें ।अनुभवी व्यक्ति से ही मालिश कराएं।
फिजियोथेरेपी
फिजियोथेरेपी दर्द ज्यादा हो तो डॉक्टर फिजियोथेरेपी की सलाह देते हैं। इसमें दवाइयों के बिना हल्के फुल्के एक्सरसाइज मालिश या फिर थेरेपी दी जाती है।
CBT
,(कॉग्निटिव बिहेवियर थेरेपी) आम बोलचाल की भाषा में यह एक बात करने की थेरेपी है इसमें थैरेपिस्ट डॉक्टर मरीज के मन में होने वाले तनाव के बारे में बात करते हैं और नकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलने की कोशिश करते हैं।कई बार तनाव भी दर्द का कारण होता है।
सर्जरी
सर्जरी सबसे अंतिम उपाय उपाय है। अगर तेज दर्द कमर में बार-बार हो रहा है और स्थिति बहुत गंभीर हो तो डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं।
कमर दर्द से बचने के लिए बेस्ट स्लीपिंग पोजिशन अति आवश्यक है।
पेट के बल सोने वाले व्यक्ति अपने पेट और पेट के निचले हिस्से में एक तकिया रख सकते हैं ताकि उनकी कमर या पीठ पर खिंचाव न महसूस हो।
जो व्यक्ति पीठ के बल सोते हैं वह अपनी रीढ़ को सहारा देने के लिए अपने घुटनों के नीचे तकिया रख सकते हैं।
साइड स्लीपर अपने पैरों को अपनी छाती तक खींच कर सो सकते हैं और अपने घुटनों के बीच एक तकिया रख सकते हैं।
कमर दर्द से बचने के लिए बैठने का सही तरीका अपनाना आवश्यक है इसके लिए निम्नलिखित उपाय करें_
कुर्सी पर हमेशा सीधा बैठे। कुर्सी पर बैठते वक्त पैर जमीन पर हो या टिकने की व्यवस्था हो।जरूरत पड़े तो फुटस्टूल पैर के नीचे रख सकते हैं।
इसके अलावा कमर को सहारा देने के लिए तकिया या तौलिए को रोल करके रखें।
कमर दर्द हेतु योगासन
कमर दर्द के लिए और पेट दर्द के लिए कुछ योगासन भी मददगार हो सकते हैं।
अर्धमत्स्येंद्रासन, भुजंगासन, मार्जरी आसन,अधोमुख श्वासनासन आसन, उष्ट्रासन।
अनुभवी प्रशिक्षक के साथ ही आसन करें।
डॉक्टर से इन परिस्थितियों में तुरंत संपर्क करें।
अगर कमर दर्द पूरे दिन या हर वक्त हो रहा हो,उठते बैठते या सोते वक्त ज्यादा दर्द हो रहा हो,तीव्र दर्द हो रहा हो या वक्त के साथ-साथ दर्द और तेज हो रहा हो। अगर दर्द के साथ-साथ कमर या पैरों में झुनझुनी का एहसास हो और पैर सुन्न होने लगे या कमजोरी महसूस हो।
अगर दर्द के साथ बुखार है दर्द ज्यादा हो और नींद ना आए अगर दर्द को ठीक करने के लिए बार-बार कमर दर्द की दवा या पेन किलर की जरूरत पड़ रही हो। दर्द के दौरान या बाद में कमजोरी महसूस हो।
कमर दर्द से बचने के लिए कुछ सुझाव
खाने में पौष्टिक आहार ने खासतौर पर विटामिन डी, कैल्शियम युक्त आहार जिससे शरीर की हड्डियां मजबूत हो
पीठ अथवा कमर दर्द से आराम दिलाने के लिए योग और एक्सरसाइज अवश्य करें, लेकिन बिना डॉक्टर और विशेषज्ञ की देखरेख में ऐसा कतई ना करें।
सीधे बैठे, कोशिश करें कि कमर या पीठ को सहारा कहीं ना कहीं से मिल रहा हो। ऐसा करने से कमर दर्द का जोखिम कम हो जाता है।
अगर शरीर का वजन ज्यादा है तो उसे भी कम करने का प्रयास करें।भार पड़ने के कारण भी कमर दर्द होता है या पेट बढ़ जाने के कारण भी कमर दर्द होता है।
धूम्रपान से जरूर बचें।
कमर दर्द और पीठ दर्द से बचने के लिए मध्यम गद्दा होना चाहिए। जो व्यक्ति पीठ के बल सोते हैं उन्हें मध्यम फॉम गद्दे की आवश्यकता हो सकती है वही जो लोग एक तरफ होकर सोते हैं उन्हें अपने कूल्हों और कंधों को करने के लिए थोड़े नरम गद्दे की जरूरत हो सकती है और जो लोग पेट के बल सोते हैं उनके लिए एक मजबूत गद्दी की आवश्यकता हो सकता है।
कमर दर्द (पीठ दर्द) कमर (पीठ) दर्द की आयुर्वेदिक दवा और इलाज कमर दर्द के लिए पतंजलि की दवाएं
कमर दर्द के लिए, पतंजलि की दवाएं –
कमर दर्द के लिए पतंजलि की दवाएं –
कमर दर्द की समस्या किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है. ऐसा लंबे समय तक एक ही जगह पर बैठे रहने, डेस्क वर्क करने व कम फिजिकल एक्टिविटी की वजह से हो सकता है. इसके अलावा, मांसपेशियों में खिंचाव, भारी समान उठाने और कमर की मांसपेशियों में दबाव पड़ने से भी कमर में दर्द हो सकता है. वहीं, बढ़ती उम्र में कमर का दर्द स्लिप डिस्क, रीढ़ की हड्डी व पीठ के निचले हिस्से की मांसपेशियों से जुड़ा हो सकता है. ऐसे में इस दर्द को दूर करने के लिए पतंजलि की चंद्रप्रभा वटी व वातारि चूर्ण जैसी आयुर्वेदिक दवाइयां असरदार साबित हो सकती हैं.
इस लेख में आप कमर दर्द में फायदेमंद पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाओं के बारे में जानेंगे –
कमर दर्द में फायदेमंद पतंजलि की
दिव्य पीड़ान्तक तेल
दिव्य निर्गुंडी क्वाथ
दिव्य चंद्रप्रभा वटी
पतंजलि पीड़ान्तक क्रीम
दिव्य पीड़ान्तक वटी
दिव्य वातारि चूर्ण
कमर दर्द में फायदेमंद पतंजलि की दवाएं
अगर किसी व्यक्ति को अक्सर ही कमर में दर्द रहता है, तो इस स्थिति में उसे डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए. साथ ही डॉक्टर की सलाह पर पतंजलि की आयुर्वेदिक दवाइयों का सेवन किया जा सकता है. कमर दर्द के लिए पतंजलि की दवाएं निम्न प्रकार से हैं –
दिव्य चंद्रप्रभा वटी
पतंजलि पीड़ान्तक क्रीम
दिव्य पीड़ान्तक तेल
दिव्य निर्गुंडी क्वाथ
दिव्य पीड़ान्तक वटी
दिव्य वातारि चूर्ण
दिव्य चंद्रप्रभा वटी
दिव्य चंद्रप्रभा वटी दवा का उपयोग मांसपेशियों और जोड़ों के दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है. कमर दर्द होने पर चंद्रप्रभाव वटी असरदार साबित हो सकती है, क्योंकि यह मांसपेशियों को आराम देती है व दर्द में होने वाली परेशानी को कम करने में मदद करती है. साथ ही चंद्रप्रभा वटी प्रतिरक्षा प्रणाली को भी बढ़ाती है.
यह दवा कपूर, नागरमोथा, पिप्पली, काली मिर्च, तेजपत्ता और छोटी इलायची समेत कुल 20 जड़ी-बूटियों से मिलकर बनी है. चंद्रप्रभा वटी में मौजूद जड़ी-बूटियों में मूत्रवर्धक गुण होते हैं, जो शरीर से टॉक्सिंस को बाहर निकालने में मदद करते हैं.
पतंजलि पीड़ान्तक क्रीम
पतंजलि पीड़ान्तक क्रीम मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद कर सकती है. कमर पर इस मलहम से मालिश करने पर दर्द में आराम मिल सकता है. इससे ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और गर्माहट मिलती है, जिससे जोड़ों का दर्द कम होता है. पतंजलि पीड़ान्तक क्रीम ऑनलाइन और स्टोर दोनों पर उपलब्ध है. इसमें मुख्य रूप से लहसुन का तेल, मालकांगनी तेल, सलाई गुग्गुल सत, निर्गुंडी अर्क, गंधपुरा तेल व दिव्या धारा जैसी सामग्रियां शामिल होती हैं.
दिव्य पीड़ान्तक तेल
कमर में दर्द होने पर दिव्य पीड़ान्तक तेल से मालिश की जा सकती है. पीड़ान्तक तेल का उपयोग जोड़ों के दर्द, पीठ के दर्द, कमर के दर्द व सूजन को कम करने के लिए किया जा सकता है. इस तेल से प्रभावित क्षेत्र की मालिश करने से दर्द में काफी आराम मिल सकता है. इसमें भृंगराज, मंजिष्ठा, शतावरी, तेज पत्रा, रॉक सॉल्ट, पिप्पली की जड़, सुगंधा बेला आदि जड़ी-बूटियां शामिल होती हैं.
दिव्य निर्गुंडी क्वाथ
दिव्य निर्गुंडी क्वाथ मांसपेशियों को आराम देने में मदद कर सकती है. कमर दर्द से राहत पाने के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर इसका सेवन किया जा सकता है. यह दवा जोड़ों के दर्द व तनाव को कम करने में भी असरदार साबित है. इसमें मुख्य सामग्री निर्गुंडी होती है.
दिव्य पीड़ान्तक वटी
आयुर्वेद में इस दवा का उपयोग मांसपेशियों में होने वाले दर्द का इलाज करने के लिए किया जाता है. कमर दर्द में भी यह दवा असरदार साबित हो सकती है. इसके अलावा, यह दवा साइटिका की वजह से होने वाले कमर दर्द से भी राहत दिलाती है. दिव्य पीड़ान्तक वटी दवा को अश्वगंधा, सुरंजन मेथी, शिलाजीत, निर्गुंडी, हल्दी, सोंठ, गिलोय और बबूल समेत कई जड़ी-बूटियों से बनाया जाता है।
दिव्य वातारि चूर्ण
दिव्य वातारि चूर्ण वात रोगों के कारण होने वाले जोड़ों के दर्द व शरीर के दर्द को ठीक करने में असरदार होती है. यह दवा कमर दर्द में भी उपयोगी होती है. दिव्य वातारि चूर्ण को शुंठी, अश्वगंधा, सुरजना, मेथी व कुटकी आदि जड़ी-बूटियों से मिलकर बनाया जाता है।
अंतिम शब्द
खराब पोश्चर में बैठे रहने या फिर रीढ़ की हड्डी की कोई समस्या होने पर किसी भी व्यक्ति को कमर में दर्द महसूस हो सकता है. कमर में दर्द होने पर व्यक्ति को रोजाना के काम करने में भी मुश्किल हो सकती हैं. ऐसे में पंतजलि की दवाइयां दर्द से राहत दिलाने में असरदार साबित हो सकती हैं. किसी भी दवा को लेने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से दवा की डोज व समय जरूर पता कर लें. बिना डॉक्टर की राय के कोई भी दवा लेने से बचें.
डॉक्टर सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाजार बहराइच उत्तर प्रदेश भारत