कमरछठ, हलषष्ठी
कमरछठ, हलषष्ठी
हलषष्ठी ल कमरछठ कईथन
छत्तीसगढ़ी तिहार हे।
हिस्ट पुष्ट लईका मन राहय
लंबा उमर बरदान दे।।
काशी पेड़ के फुल हे दाई
पसहर चाऊंर के भात हे।
दोना दोना लाई चढ़ावव
जलसगरी के खदान हे।।
हिस्ट पुष्ट लईका मन राहय
लंबा उमर बरदान दे।।
भैस के हावय दुध दही
मऊहा के पान हे।
बिन नागर जोते भाजी लायेव
छै जात के साग हे।।
बलराम बरोबर बल ताकत
बुद्धि के खदान दे।
हिस्ट पुष्ट लईका मन राहय
लंबा उमर बरदान दे।।
हलषष्ठी कात्यायनी दाई
नवदुर्गा तोर नाम हे।
लांघन भुखन पुजा करत
हावय,नारी के जात हे
सुरूज देव तीर भेज दें शक्ति
वहु ल परनाम हे।
हिस्ट पुष्ट लईका मन राहय
लंबा उमर बरदान दे।।
कवि विजय के अर्जी हावय
दाई माई मन उपास हे।
हलषष्ठी कात्यायनी दाई
नवदुर्गा तोर नाम हे
हिस्ट पुष्ट लईका मन राहय
लंबा उमर बरदान दे।।
विनित
डॉ विजय कुमार कन्नौजे अमोदी आरंग
ज़िला रायपुर छ ग