Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Jan 2018 · 1 min read

कभी ख़ुशी खभी गम है

आज के जमाने में क्या
ख़ुशी क्या गम है ?
इससे तो हंमे परिवार से आभास है ।।

कोई पास कोई दूर
कोई आसपास ,,,,
वो है मजबूर
जो हंमे ख़ुशी की तलाश है।

कोई किसी बात से परेशान ,
जो यहां है अपने देहात
ख्वाहिशे है तमाम ,पूरी नही होती तो,,,
वो इसी से उदास है ।।

यार से भी बेताब
कैसे दे उनको जबाब
वो रखते आत्मीयता
जो दिल पर भी नवाब है ।

कोमल जैसा दिल
अहसानो का बिल
चुकता नही
यही क्या मिजाज है ?

आशाओं के आंगन में
रोनक की धुप है ।
आएगी एक मुस्कान की किरण ,
इसी का हंमे पूरा विश्वास है ।

नयनो में बसे बून्द बून्द
आँशु दुःख दर्द के,
हंसी ख़ुशी के चादर में,
प्रवीण का भी वास है ।

✍प्रवीण शर्मा
ताल जिला रतलाम
तहसील ताल
टी एल एम् ग्रुप संचालक
9165996865

Language: Hindi
571 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
शिव रात्रि
शिव रात्रि
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सूरज जैसन तेज न कौनौ चंदा में।
सत्य कुमार प्रेमी
10) “वसीयत”
10) “वसीयत”
Sapna Arora
4921.*पूर्णिका*
4921.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
है वक़्त बड़ा शातिर
है वक़्त बड़ा शातिर
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
जन्नत
जन्नत
जय लगन कुमार हैप्पी
बचा लो जरा -गजल
बचा लो जरा -गजल
Dr Mukesh 'Aseemit'
"" *नारी* ""
सुनीलानंद महंत
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
जब किसी व्यक्ति और महिला के अंदर वासना का भूकम्प आता है तो उ
Rj Anand Prajapati
राहुल की अंतरात्मा
राहुल की अंतरात्मा
Ghanshyam Poddar
राजनीति के फंडे
राजनीति के फंडे
Shyam Sundar Subramanian
बचपन
बचपन
Kanchan Khanna
अपनी पहचान का मकसद
अपनी पहचान का मकसद
Shweta Soni
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
सरहद सीमा मातृभूमि का🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
सब लोगो के लिए दिन में 24 घण्टे ही होते है
सब लोगो के लिए दिन में 24 घण्टे ही होते है
पूर्वार्थ
टूटते सितारे से
टूटते सितारे से
हिमांशु Kulshrestha
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
जिस दिन आप कैसी मृत्यु हो तय कर लेते है उसी दिन आपका जीवन और
Sanjay ' शून्य'
झोली मेरी प्रेम की
झोली मेरी प्रेम की
Sandeep Pande
फिल्म तो सती-प्रथा,
फिल्म तो सती-प्रथा,
शेखर सिंह
*
*"सावन"*
Shashi kala vyas
ऐसी फूलों की एक दुकान उस गली मैं खोलूंगा,
ऐसी फूलों की एक दुकान उस गली मैं खोलूंगा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
दो शे'र
दो शे'र
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
*धन्य करें इस जीवन को हम, चलें अयोध्या धाम (गीत)*
Ravi Prakash
"सफलता"
Dr. Kishan tandon kranti
क्युँ हरबार ये होता है ,
क्युँ हरबार ये होता है ,
Manisha Wandhare
त’आरूफ़ उसको
त’आरूफ़ उसको
Dr fauzia Naseem shad
#सत्यान्वेषण_समय_की_पुकार
#सत्यान्वेषण_समय_की_पुकार
*प्रणय*
आ भी जाओ
आ भी जाओ
Surinder blackpen
नदी की करुण पुकार
नदी की करुण पुकार
Anil Kumar Mishra
सलाह के सौ शब्दों से
सलाह के सौ शब्दों से
Ranjeet kumar patre
Loading...