Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Aug 2021 · 1 min read

कभी सोचता हूं !

कभी सोचता हूं
इस धरा पर आखिर मैं क्यों आया,
जीवन में क्या खोया क्या पाया।
अगणित लोगों की भांति कहीं
मैं भी तो अकारण ही नहीं आया।

कभी सोचता हूं
बिना लक्ष्य के कैसा जीवन है,
बिना पुष्प के कैसा उपवन है।
हर कोई खुद में ही यहां परेशां है,
कहीं ज़मीन तो कहीं आसमां है।

कभी सोचता हूं,
जो मैं नहीं जन्मा होता ,
एक पौधा जो कम पनपा होता।
क्या फर्क पड़ जाता संसार को।
छल कपट से भरे बाज़ार को।

वैसे ही बहुत भीड़ है यहां,
मारामारी थोड़ी कम हो जाती।
शायद कुछ लोगो के ना आने से,
दुनिया और सुकून से सो पाती।

कभी सोचता हूं
प्रकृति का खेल भी निराला है,
विधाता भी लगता मतवाला है।
जन्म से शुरू हुई जो कहानी,
न चाहते हुए भी सबको बितानी।

कभी सोचता हूं
जीवन में इतना संघर्ष क्यूं है,
आखिर यहां इतना दर्द क्यों है।
क्यों आंखों में सबकी नमी है,
सब पाकर भी, ये कैसी कमी है।

कभी सोचता हूं,
ऊपर वाले ने दुनिया क्यूं बनाई।
इस रचना का मकसद क्या है,
क्यूं जीवन मृत्यु का खेल चल रहा,
मोम बन हर कोई क्यों गल रहा।

कभी सोचता हूं
ये कैसा कर्म का बंधन है,
जब फल अपने हाथ ही नहीं।
ये कैसा अजीब सा सफर है,
जब जाता कोई साथ ही नहीं।

कभी सोचता हूं
काल चक्र क्यों अनवरत चल रहा,
सपनों को हमारे क्यों ये छ्ल रहा।
समय आने पर सब खो जायेगा,
जीवन ये मृत्य बन सो जायेगा।

Language: Hindi
1 Comment · 543 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*धन्य-धन्य वे लोग हृदय में, जिनके सेवा-भाव है (गीत)*
*धन्य-धन्य वे लोग हृदय में, जिनके सेवा-भाव है (गीत)*
Ravi Prakash
अपनी नज़र में
अपनी नज़र में
Dr fauzia Naseem shad
प्रकृति प्रेम
प्रकृति प्रेम
Ratan Kirtaniya
तू शौक से कर सितम ,
तू शौक से कर सितम ,
शेखर सिंह
"निर्णय आपका"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन का कोई सार न हो
जीवन का कोई सार न हो
Shweta Soni
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
सब्र की मत छोड़ना पतवार।
Anil Mishra Prahari
जीवन की धूल ..
जीवन की धूल ..
Shubham Pandey (S P)
सबसे नालायक बेटा
सबसे नालायक बेटा
आकांक्षा राय
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
कैसे हाल-हवाल बचाया मैंने
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
इश्क़ हो
इश्क़ हो
हिमांशु Kulshrestha
ज़मीर
ज़मीर
Shyam Sundar Subramanian
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Sushila joshi
बिखरा
बिखरा
Dr.Pratibha Prakash
चलते रहना ही जीवन है।
चलते रहना ही जीवन है।
संजय कुमार संजू
2901.*पूर्णिका*
2901.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
“मेरी किताब “पुष्प -सार” और मेरी दो बातें”
DrLakshman Jha Parimal
आंसुओं के समंदर
आंसुओं के समंदर
अरशद रसूल बदायूंनी
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
आँखों के आंसू झूठे है, निश्छल हृदय से नहीं झरते है।
Buddha Prakash
अमिट सत्य
अमिट सत्य
विजय कुमार अग्रवाल
శ్రీ గాయత్రి నమోస్తుతే..
శ్రీ గాయత్రి నమోస్తుతే..
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
अकेले हो जाते हैं न हम जैसे लोग, जिनके पास खो देने को कोई एक
अकेले हो जाते हैं न हम जैसे लोग, जिनके पास खो देने को कोई एक
पूर्वार्थ
आत्मा
आत्मा
Bodhisatva kastooriya
..
..
*प्रणय*
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
मन में जीत की आशा होनी चाहिए
Krishna Manshi
हमसफ़र
हमसफ़र
अखिलेश 'अखिल'
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
प्रभु गुण कहे न जाएं तुम्हारे। भजन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
माई बेस्ट फ्रैंड ''रौनक''
लक्की सिंह चौहान
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
कविता-आ रहे प्रभु राम अयोध्या 🙏
Madhuri Markandy
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
अब नरमी इतनी भी अच्छी नही फितरत में ।
Ashwini sharma
Loading...