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26 Apr 2024 · 1 min read

कभी लगे इस ओर है,

कभी लगे इस ओर है,
कभी लगे उस ओर ।
जाने मन के गाँव की,
प्रीत छाँव किस छोर ।।

सुशील सरना / 26424

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