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28 Jun 2024 · 1 min read

कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्

कभी भी भावना में बहकर अपनी निजी बातें और कमजोरी किसी के समक्ष प्रकट करने से बचना चाहिए अन्यथा वही सब भविष्य में ताना के रूप में सुनने के लिए आपको तैयार रहना होगा।

पारस नाथ झा

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