कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये
कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये
बिना बात के भी खिलखिला दीजिये।
हर पल है जिंदगी में कुछ खास
ऐसे वैसे नही हर लम्हे को खास बना दीजिये
माना कि काम आसान नही ये इतना
कुछ कठिनाइयों को भूलकर रास्ते आसान
बना लीजिए।।
गम है हर इक किस्से में दर्द है हर इक कहानी में
भूलकर कुछ पल के लिए ही सही
लम्हा रूमानी बना दीजिये
हँसकर चलने से राहें हो जाएंगी कुछ आसान शायद
न इंतज़ार कल का आज ही खुद को ये हसीन तोहफा दीजिये।।
कभी बेवजह ही मुस्कुरा दीजिये
बिना बात के भी खिलखिला दीजिये।
“कविता चौहान”
स्वरचित