Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Apr 2024 · 1 min read

कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी

कभी बारिश में जो भींगी बहुत थी
वो लड़की,आँसुओं में तैरती है!

1 Like · 97 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

पिता
पिता
Nitesh Shah
शिव शक्ति
शिव शक्ति
Anup kanheri
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
समय-सारणी की इतनी पाबंद है तूं
Ajit Kumar "Karn"
मिन्नते की थी उनकी
मिन्नते की थी उनकी
Chitra Bisht
माँ
माँ
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
छत्तीसगढ़ी हाइकु
छत्तीसगढ़ी हाइकु
Dr. Pradeep Kumar Sharma
संघर्ष
संघर्ष
Shyam Sundar Subramanian
शादी के बाद अक्सर कुछ रिश्तों में दूरी आ जाती है ।
शादी के बाद अक्सर कुछ रिश्तों में दूरी आ जाती है ।
Rekha khichi
मेरे दोहे
मेरे दोहे
Rambali Mishra
खुला पत्र ईश्वर के नाम
खुला पत्र ईश्वर के नाम
Karuna Bhalla
मधुब्रत गुंजन: एक अनूठा उपहार
मधुब्रत गुंजन: एक अनूठा उपहार
Sudhir srivastava
आज  उपेक्षित क्यों भला,
आज उपेक्षित क्यों भला,
sushil sarna
ताड़का जैसी प्रवृति और श्याम चाहती हैं,सूपर्णखा सी स्त्रियां
ताड़का जैसी प्रवृति और श्याम चाहती हैं,सूपर्णखा सी स्त्रियां
पूर्वार्थ
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
एक डॉक्टर की अंतर्वेदना
Dr Mukesh 'Aseemit'
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
हम भी जिंदगी भर उम्मीदों के साए में चलें,
manjula chauhan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
https://15.235.203.15/ – Link vào nhà cái 188BET trang cá c
https://15.235.203.15/ – Link vào nhà cái 188BET trang cá c
88BET20315
बहनें
बहनें
Mansi Kadam
"मुझे लगता है"
Dr. Kishan tandon kranti
मनमीत
मनमीत
लक्ष्मी सिंह
🤲
🤲
Neelofar Khan
नाराज़गी मेरी
नाराज़गी मेरी
Dr fauzia Naseem shad
बलदेव छठ
बलदेव छठ
Mahesh Jain 'Jyoti'
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
ओ आदम! तू चल आहिस्ता।
पंकज परिंदा
*कलमें इतिहास बनाती है*
*कलमें इतिहास बनाती है*
Shashank Mishra
बात
बात
सिद्धार्थ गोरखपुरी
"दोगलों की बस्ती"
ओसमणी साहू 'ओश'
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
Dr Archana Gupta
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
@व्हाट्सअप/फेसबुक यूँनीवर्सिटी 😊😊
*प्रणय*
सौ बरस की जिंदगी.....
सौ बरस की जिंदगी.....
Harminder Kaur
Loading...