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28 Feb 2024 · 1 min read

कभी फुरसत मिले तो पिण्डवाड़ा तुम आवो

कभी फुरसत मिले तो, पिण्डवाड़ा तुम आवो।
अपने परिवार को यहाँ, गाँधी पार्क दिखाओ।।
यह गाँधी पार्क तो है, स्वर्ग पिण्डवाड़ा का।
आकर इस स्वर्ग में तुम, अपने कुछ पल बिताओ।।
कभी फुरसत मिले तो—————————-।।

इसमें एक चिड़ियाघर है, जिसमें हैं हाथी- घोड़ा।
शेर, भालू , कंगारू, गाय- बछड़े का जोड़ा।।
पिसलपट्टी- झूलों में, अपने बच्चें झुलाओ।
यह गाँधी पार्क तो है, शान पिण्डवाड़ा की।
आकर इस पार्क में तुम, शान अपनी बढ़ाओ।।
कभी फुरसत मिले तो———————–।।

करो योगा इसमें, सूर्य नमस्कार भी तुम।
यहाँ शुद्ध प्राण वायु से, बनो स्वस्थ भी तुम।।
यहाँ आकर खुद को तुम, तनावमुक्त बनाओ।
यह गाँधी पार्क तो है, रौनक पिण्डवाड़ा की।
आकर इस पार्क में तुम, जीवन यादगार बनाओ।।
कभी फुरसत मिले तो———————।।

झिलमिलाती रोशनी में, जीवन रोशन लगता है।
यहाँ फूलों- हरियाली में, जीवन गुलजार लगता है।।
मुस्कराते बच्चों के सँग, जरा तुम भी मुस्करावो।
यह गाँधी पार्क तो है, धरोहर पिण्डवाड़ा की।
आकर इस पार्क में यह बात, तुम सबको बताओ।।
कभी फुरसत मिले तो———————-।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 175 Views

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