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1 Mar 2024 · 1 min read

*कभी पहाड़ों पर जाकर हिमपात न देखा क्या देखा (मुक्तक)*

कभी पहाड़ों पर जाकर हिमपात न देखा क्या देखा (मुक्तक)
_________________________
सागर तट पर लहरों का आघात न देखा क्या देखा
नदियों के तट पर यदि झंझावात न देखा क्या देखा
चॉंदी-सा चंद्रमा स्वर्ण-सा बंधु प्रभात अनूठा है
कभी पहाड़ों पर जाकर हिमपात न देखा क्या देखा
—————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

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