Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Feb 2017 · 1 min read

—****कभी न करना कल का इन्तेजार****—

कल का इन्तेजार न करना कभी
वो कभी आ नहीं सकता
जैसे कोई फ़रिश्ता परलोक गया
वो वापिस जमीं पर आ नहीं सकता !!

कल हम में से कौन होगा
कौन यहाँ पर बाकि होगा
निशान रह जायेंगे बस अपने
कल यहाँ किसी और का मकान होगा !!

दूरिओं को समेट लो, पास आकर
क्यों की रास्ता शमशान का बाकि है
जहाँ न जाने कितने चले गए और
न जाने कितने वहां जाने बाकि हैं !!

पल पल मौत नजर रखती है सब पर
कोई न बच पाया इस की नजर से
ख़ुशी का साथ निभा लो मेरे यारो
आज गुजरा वकत वापिस आ नहीं सकता !!

अजीत कुमार तलवार
मेरठ

Language: Hindi
316 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
View all

You may also like these posts

🙅शाश्वत सत्य🙅
🙅शाश्वत सत्य🙅
*प्रणय*
Education
Education
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक बावला सा लड़का
एक बावला सा लड़का
Akash RC Sharma
कान भरने वाले सदा से ही आपके इर्द गिर्द ही है
कान भरने वाले सदा से ही आपके इर्द गिर्द ही है
पूर्वार्थ
भारत बनाम इंडिया
भारत बनाम इंडिया
Harminder Kaur
समृद्धि
समृद्धि
Paras Nath Jha
मुक्तक
मुक्तक
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
मैं बनारस का बेटा हूँ मैं गुजरात का बेटा हूँ मैं गंगा का बेट
शेखर सिंह
#मेहनत #
#मेहनत #
rubichetanshukla 781
जश्न आजादी का ....!!!
जश्न आजादी का ....!!!
Kanchan Khanna
तू सरिता मै सागर हूँ
तू सरिता मै सागर हूँ
Satya Prakash Sharma
🌹🙏 Bhaj man radhe krishna 🙏 🌹
🌹🙏 Bhaj man radhe krishna 🙏 🌹
Nayan singer
दोहा पंचक. . . . सावन
दोहा पंचक. . . . सावन
sushil sarna
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Anamika Tiwari 'annpurna '
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
जिंदगी बेहद रंगीन है और कुदरत का करिश्मा देखिए लोग भी रंग बद
Rekha khichi
जिंदगी का फ़लसफ़ा
जिंदगी का फ़लसफ़ा
मनोज कर्ण
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Perfection, a word which cannot be described within the boun
Chaahat
* संवेदनाएं *
* संवेदनाएं *
surenderpal vaidya
दो शब्द
दो शब्द
Ravi Prakash
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
Dr Tabassum Jahan
यह सावन क्यों आता है
यह सावन क्यों आता है
gurudeenverma198
"मौसम"
Dr. Kishan tandon kranti
सफ़र कोई अनजाना हो...
सफ़र कोई अनजाना हो...
Ajit Kumar "Karn"
अमृत वचन
अमृत वचन
Dinesh Kumar Gangwar
वार्न पिरामिड
वार्न पिरामिड
Rambali Mishra
2569.पूर्णिका
2569.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
हाइकु (#मैथिली_भाषा)
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
बहुत जरूरी है तो मुझे खुद को ढूंढना
Ranjeet kumar patre
राममय दोहे
राममय दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...