कभी तुम भी तो लौटकर आओगे हमारे पास
दुनिया तुम्हें चाहे कितना भी करे निराश,
एक हाथ होगा तुम्हारे साथ रखना ये विश्वास।
कैसा भी समय हो जीवन में, तुम ही होगे ख़ास,
कितनी ही खुशियाँ मिल जाएँ हमें, तुम बिन न आएंगी रास।
कितनी भी कठिनाइयाँ आएं जीवन में,
पर कभी टूटने न देंगे तुम्हारी अंतिम आस।
भरी दुनिया में भी जब खुद को अकेला पाने लगो,
एक नज़र मुड़ कर देखना हम होंगे तुम्हारे पास।
हम तुमसे दूर न हो सकेंगे भले तुम भुला दो हमें,
हर साँस, धड़कन, दिल, नज़र में तुम्हारा ही है वास।
हम तो रोज़ बस एक ही उम्मीद पर जीते हैं,
कभी तुम भी तो लौटकर आओगे हमारे पास।
————–शैंकी भाटिया
सितम्बर 26, 2016