कभी छुप के जिए कभी घुट के जिए
कभी छुप के जिए कभी घुट के जिए
कभी रो के जिए कभी टूट के जिए
है बेचैनी बेकरारी का यह आलम
कभी जल के जिए कभी बुझ के जिए
नूरफातिमा खातून “नूरी”
१३/३/२०२०
कभी छुप के जिए कभी घुट के जिए
कभी रो के जिए कभी टूट के जिए
है बेचैनी बेकरारी का यह आलम
कभी जल के जिए कभी बुझ के जिए
नूरफातिमा खातून “नूरी”
१३/३/२०२०