कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
कभी निश्चय ही वो कम पड़ जाएगी…
प्रकृति सदा रंग अपना बदलती ही है,
कभी वसंत है तो पतझड़ भी आएगी!
…. अजित कर्ण ✍️
कभी किसी की किसी से खूब बनती है,
कभी निश्चय ही वो कम पड़ जाएगी…
प्रकृति सदा रंग अपना बदलती ही है,
कभी वसंत है तो पतझड़ भी आएगी!
…. अजित कर्ण ✍️