कभी उलझन,
कभी उलझन,
कभी गुस्सा
कभी गलतफहमी में
रहती हो
जो जगह दी थी
तुम्हें दिल में
वो कम थी क्या
जो हर बार लड़ने को
तैयार रहती हो
हिमांशु Kulshrestha
कभी उलझन,
कभी गुस्सा
कभी गलतफहमी में
रहती हो
जो जगह दी थी
तुम्हें दिल में
वो कम थी क्या
जो हर बार लड़ने को
तैयार रहती हो
हिमांशु Kulshrestha