कभी आधी अधूरी कही गई बातों ने
कभी आधी अधूरी कही गई बातों ने
कभी बीच में छूट गई अधूरी कविताओं ने
आधी पढ़कर छोड़ी गई किताबों ने
ज़रूरी – गैर ज़रूरी कैसे भी
पर अधूरे छोड़ दिए गए कामों ने
तो कभी नींद टूट जाने पर अधूरे छूट गए सपनों ने
हमेशा ही
बहुत परेशान किया मुझे
मैं हैरान हूं
आधा अधूरा सा ये जीवन
क्यूं परेशान नहीं करता मुझे कभी ??