Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 Jun 2021 · 1 min read

कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान हैं पिता

“कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता
जन्म दिया है अगर माँ ने
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता….”

“कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखाता है पिता…
कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता…
माँ अगर मैरों पे चलना सिखाती है…
तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है पिता…..”

“कभी रोटी तो कभी पानी है पिता…
कभी बुढ़ापा तो कभी जवानी है पिता…
माँ अगर है मासूम सी लोरी…
तो कभी ना भूल पाएंगे वो कहानी है पिता….”

“कभी हंसी तो कभी अनुशासन है पिता…
कभी मौन तो कभी भाषण है पिता…
माँ अगर घर में रसोई है…
तो चलता है जिससे घर वो राशन है पिता….”

“कभी ख़्वाब को पूरी करने की जिम्मेदारी है पिता…
कभी आंसुओं में छिपी लाचारी है पिता…
माँ गर बेच सकती है जरुरत पे गहने…
तो जो अपने को बेच दे वो व्यापारी है पिता….”

“कभी हंसी और खुशी का मेला है पिता…
कभी कितना तन्हा और अकेला है पिता…
माँ तो कह देती है अपने दिल की बात…
सब कुछ समेत के आसमान सा फैला है पिता….”

HAPPY FATHER’S DAY

Language: Hindi
5 Likes · 3 Comments · 2420 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
आए हैं रामजी
आए हैं रामजी
SURYA PRAKASH SHARMA
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
हो सके तो तुम स्वयं को गीत का अभिप्राय करना।
दीपक झा रुद्रा
"हँसी"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन में,
जीवन में,
नेताम आर सी
रेतीले तपते गर्म रास्ते
रेतीले तपते गर्म रास्ते
Atul "Krishn"
pita
pita
Dr.Pratibha Prakash
बेशक संघ ने काम अच्छा किया है, आगे भी करेगा।
बेशक संघ ने काम अच्छा किया है, आगे भी करेगा।
Ajit Kumar "Karn"
3519.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3519.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है
लिखा है किसी ने यह सच्च ही लिखा है
VINOD CHAUHAN
जनता  जाने  झूठ  है, नेता  की  हर बात ।
जनता जाने झूठ है, नेता की हर बात ।
sushil sarna
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
कुदरत तेरा करतब देखा, एक बीज में बरगद देखा।
AJAY AMITABH SUMAN
*चाहत  का  जादू छाया है*
*चाहत का जादू छाया है*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
#लघुकविता-
#लघुकविता-
*प्रणय*
मानवता का
मानवता का
Dr fauzia Naseem shad
नसीहत
नसीहत
Slok maurya "umang"
शादी ..... एक सोच
शादी ..... एक सोच
Neeraj Agarwal
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
आंगन आंगन पीर है, आंखन आंखन नीर।
Suryakant Dwivedi
*परिवार: नौ दोहे*
*परिवार: नौ दोहे*
Ravi Prakash
*** यादों का क्रंदन ***
*** यादों का क्रंदन ***
Dr Manju Saini
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
वर्तमान समय में महिलाओं के पुरुष प्रधान जगत में सामाजिक अधिकार एवं अस्मिता हेतु संघर्ष एक विस्तृत विवेचना
Shyam Sundar Subramanian
जय हो जय हो महादेव
जय हो जय हो महादेव
Arghyadeep Chakraborty
मुझे लगता था किसी रिश्ते को निभाने के लिए
मुझे लगता था किसी रिश्ते को निभाने के लिए
पूर्वार्थ
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
बन के देखा है मैंने गुलाब का फूल,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पल
पल
Sangeeta Beniwal
श्री राम मंदिर
श्री राम मंदिर
Mukesh Kumar Sonkar
भीरू नही,वीर हूं।
भीरू नही,वीर हूं।
Sunny kumar kabira
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
सारे जग को मानवता का पाठ पढ़ा कर चले गए...
Sunil Suman
विवशता
विवशता
आशा शैली
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
लोग महापुरुषों एवम् बड़ी हस्तियों के छोटे से विचार को भी काफ
Rj Anand Prajapati
वामांगी   सिखाती   गीत।
वामांगी सिखाती गीत।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
Loading...