“कब तक होगा नरसंगार”
पुलवामा मे जो हुवा,
कोन है उनका जिम्मेदार.
शहादत के नाम पर
कब तक होगा नरसंगार…
पहले भी ऐसाही हुवा,
दो दिन बाद सब शांत हुवा.
कोई फायदा नही है कँडल रँली निकाल कर,
सब भूल जाते है दुसरे दिन जाकार…
कभी तो आवो शहीदो के घर,
कीतनेही दीनो तक चलता है मातम.
माँ बाप के आसुंना रूक ते,
भाई बहन सब डरे से रहते…
पत्नी अपना दुख छुपाती,
बच्छो को जब वो निवाला खिलाती.
बच्छे अपने पापा को पुकारे,
तब पत्नी के आंसु ना संभाले…
कितनेही महीनो तक ऐसाही चलेगा,
माँ बाप का कोन सहारा बनेगा.
भाई बहन को पडाएगा कोन,
पत्नी बच्चो को संभालेगा कोन…
हसते खेलते परिवार पे ए,
कैसा मातम ए झाया.
जो देश की रक्षा करता था,
उसकाही घर अनाथ हो गया…
कोन है ईसका जीम्मेदार,
और कब तक होगा नरसंगार…