कब तक चुप रहूंगी
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फिल्म – कब तक चुप रहूंगी। स्क्रिप्ट रौशन राय का
मोबाइल – 7859042461 / 9515651283
तारीक – 14 -12 – 2021
तो राधा बोली ठीक है चलो और दोनों अपने अपने घर के लिए चल दिया और जब दोनों आ रहा था तो खेत के मेड़ से गिरने लगी तो कृष्णा राधा
को सम्हालने सम्हालते दोनों गीड़ पड़ा जिसमें राधा निचे और कृष्णा उपर था ओस के कारण लगभग दोनो भिंग गया
इधर जब रानी और रीता जागी तो राधा को बिस्तर पर नहीं देखी तो रानी ने रीता से कहा की राधा कहा है
तो रीता ने कहा यही बात तों मैं तुमसे पुछने वालीं हूं की राधा कहा है
जब दोनों गेस्ट हाउस से बाहर निकल कर थोड़ा आगे आई तो देखी खाली पैर बाल पर ओस की छोटे-छोटे बुंद और बैंगनी रंग के शाॅल पर सरसों फुल के फंखुरी जों देखने में आकर्षक लग रहा था साथ में एक नौजवान लड़का भी राधा इधर चलीं आ रही हैं ।
दोनों सोचने लगी की हम सब को यहां आये मात्र दो दिन होकर आज तिसरा दिन शुरू हुआ जबकि राधा हम लोगों के साथ कल पुरे दिन थी कभी किसी लड़के से कल बात तक नहीं हुआ तों फिर ये कौन है । और राधा के साथ कैसे
दोनों के मन में तरह-तरह के सवाल उठने लगा तब तक राधा , रानी और रीता के पास पहुंच गई । राधा का हालत देखकर तो रानी और रीता को लगा की राम तेरी गंगा मैली हो गई।
राधा और कृष्णा का दशा ऐसा लग रहा था की दोनों का संगम हो गया हो । राधा के करीब आते ही रानी और रीता ने राधा पर जैसे सवाल का बरसात कर दिया
रानी – तु कहा गई थी और तेरा ये हालत ऐसे कैसे हुआ
रीता – ये नौजवान लड़का कौन है तुम्हारे साथ
रानी – तुम तो चार बजे सो रही थी फिर उठकर कब गई
रीता – देख राधा तु सच सच बता की इस लंगूर ने तेरे साथ क्या सब किया
रानी – हे लंगूर मेरी सखी नहीं बता रही हैं तो तु बता की तुने मेरे सबसे प्यारी सहेली को कुछ किया तो नहीं
इस पर राधा बड़ी जोर से बोली
ओ हो यूं सेटप सेटप तुम दोनों क्या अनाप शनाप बकने लगी कुछ भी आगे पीछे सोचती नहीं है और जो जी में आया बकने लगी
ये कृष्णा हैं इसी गांव का रहने वाला
रानी – वोय देख रीता अपने राधा को कृष्ण मिल गया वोय मुझे तु उल्लू ना बना हम दोनों ये जान चुके हैं
राधा – क्या जान चुकी हैं
रीता – हम यही जान चुके हैं कि राम तेरी गंगा मैली हो गई
राधा – हे भगवान मैं इन सब को कैसे समझाऊं
रानी – देख राधा तु हमें मत समझा हम सब समझ गए हैं
इसी बीच में कृष्णा बोला देखिए आप दोनों इस पर कोई शक न करें
रीता – वोय मुण्डियां तु जादा सयाना मत बन तुझे तो आज जन्नत का सुख मिला होगा
राधा – रानी रीता तुम दोनों सुबह सुबह पागल हो गई है जो कुछ भी बोले जा रही है
कृष्णा – आप दोनों जैसा सोच रहीं हैं वैसा कुछ नहीं है और न कुछ हुआ
चारों में दस मिनट तक नोक झोंक वाली बात हुई और कृष्णा राधा से कहके चल दिया
अब कृष्णा के दिलों दिमाग में राधा पहले नज़र में बस गई
जैसे कृष्णा को राधा से प्यार हों गया उसका मन बार बार ये कह रहा था कि जिसका इंतजार था वो यही राधा है अब कृष्णा को ये हो रहा था कि अब कब से जल्दी सुबह हो और मैं फिर वहां पर जाकर बांसुरी बजाऊं और राधा आये और मैं सदा के लिए राधा का हो जाऊं और राधा मेरी।
आज फिर घुमने का प्लान बना कल बहुत सी लड़कियां थी तो कहीं खुल कर मज़े नहीं ले पाई थी इसलिए राधा अपने प्रिंसिपल साहब से नेवेदन की वो मात्र तीन जन जाना चाहती थी अपने प्रिंसिपल साहब से हर तरह का प्रोमीश कर राधा तिनों जन घुमने निकलीं राधा अमीर बाप की इकलौती बेटी थी तो उसके पास पैसे कि कोई कमी नहीं थी इसलिए जहां जाने का मन हुआ वो वही चल देती।
इधर राॅकी अपमान के आग में जल रहा था वो हमेशा राधा से बदला लेने के फिराक में रहता था । राॅकी के एक दोस्त ने राधा के घुमने जाने की बात राॅकी से कहा तो राॅकी सोचा यही अच्छा मौका है इन साली को आज कही के नहीं छोड़ेंगे राॅकी ने अपने दोस्त से पुछा कि तुम्हें पता है कि वो कहां गई हैं तो उसका दोस्त ने कहा हां मुझे पता है कि वो कहां गई। तों राॅकी अपने दोस्त से उस जगह पर चलने के लिए कहा और साथ में पांच, लड़के को चलने को कहा और सब मिलकर राधा का पिछा से आॅभर टेक करते हुए जा रहा था राधा एकदम से रामपुर के कोठी से सिधा विलाश पुर पहुच गई और एक साइड में तीनों सहेली बात चीत करके कभी चाट खाती तो कभी आइसक्रीम कल बहुत लड़कियां के वजह से जो मजा नहीं मिला वो आज लेना चाहती थी तीनों मिलकर
राॅकी भी राधा का पिछा करते वहां पहुंच गया और सबने माक्स चेहरे पर लगा लिया ताकि पहचान में ना आए नहीं तो फिर सबके सामने वेजती होना पड़ेगा । माक्स चेहरे पर लगा कर सबने एक ही बार में तीनों लड़कियों पर हमला कर दिया । दो रानी को पकड़ा दो रीता को और राॅकी खुद राधा को तो किसी तरह तीनों लड़कियों ने उनसे छुटी और भागी वो भागती हुई तीनों एक बन रहे मकान में घुस गई और वहां पर कोई नहीं था सिर्फ वहां पर काम देखने वाले सुपरवाइजर था । जब राधा और उसके सहेली उसमें घुसी कि राॅकी ने फिर राधा को दबोच लिया इस बार तो वो राधा का कपड़े भी फाड़ डाला और राधा को जमीन पर पटक कर उसपर चढ़ गया
राधा राॅकी से बचने कि भरपूर कोशिश कर रही थी और चिल्ला रही थी बचाओ बचाओ कोई हैं तो मुझे बचाओ । ये आवाज़ वहां के सुपरवाइजर के कान में पड़ा की कोई लड़की मदद के लिए पुकार रही है शायद वो किसी मुश्किल में है की वो उस आवाज की तरह दौड़ा और तीन ही छलांग में वो राॅकी के पास पहुंच कर राॅकी पर लात घुसा बरसाने लगा तब तक राॅकी का दोस्त रानी और रीता को छोड़कर उस सुपरवाइजर पर एटेक किया और देखते ही देखते उसने पांचों को फुटबॉल की तरह उछाल उछाल कर धोया इस झगड़े के दौरान सुपरवाइजर को सर पर चोट लग गया और खुन बह कर उनका शर्ट और बनियान दोनों भिंग गया राॅकी और राॅकी का दोस्त किसी तरह बड़ी मुश्किल से उस सुपरवाइजर से जान बचाकर भाग निकला नहीं तो आज उसे जान गंवाना ही पड़ता । जब राॅकी और उसका दोस्त भाग गया तब सुपरवाइजर ने राधा के ओर घुमा तो दोनों का दोनों हक्का बक्का रह गया
राधा – कृष्णा तुम
कृष्णा – मैडम जी आप यहां ये सब कौन था
राधा – पता नहीं कृष्णा वो माय गॉड कृष्णा तुम्हारे सर में चोट लग गया और खुन निकल रहा है ये कहते कहते राधा ने अपना चुन्नी फाड़कर कृष्णा के सर पर पट्टी बांध दिया
कृष्णा ने कहा मैडम जी आप यहां कैसे आई
तों राधा ने कहा कि हम अपने सहेली रानी रीता के साथ घूमने आए और पता नहीं ये लोग कहा से आया गया और कौन था हम नहीं जानते । ये तों भगवान की शुक्र है कि समय पर तुम आ गए नहीं तो आज तो मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहती।
पर कृष्णा तुम यहां कैसे आ गए
कृष्णा – मैडम जी मैं यहां काम करता हूं इस बन रहे बिल्डिंग का मैं सुपरवाइजर हूं आज मजदूरों ने छुट्टी किया है कल से काम शुरू हो जायेगा
तब तक रानी रीता भी वहां आ गई और कृष्णा को धन्यवाद कहते हुए बोली अगर आज आप नहीं आते तों ना जाने क्या हो जाता
कृष्णा बोला सबका रक्षा करने वाले तो वो कृष्णा हैं खैर कोई बात नहीं आप सब चलीए मैं आपको आटो कर देता हूं आप सब अपने निवास स्थान पर पहुंच जाएंगे । तब तक कृष्णा का एक दोस्त आटो लेकर गुजर रहा था कि कृष्णा ने उसको बुलाया और कहा कि मैडम जी को छोड़कर आओ पर मैडम जी से किराए नहीं लेना हम तुम्हें दें देंगे । आटो चालक ने ठीक है कहके तीनों को बैठा लिया और जब जाने लगा तो कृष्णा ने राधा से कहा ये सब बातें जो हुआ वो किसी को मत बताना नहीं तो तुम्हारी बहुत बदनामी होगी ।
और आटो वाला चल दिया कोठी के ओर तब तक सुर्यास्त हो गया था आटो चालक ने राधा को उनके कहे जगह पर उतार दिया तो राधा ने पैसे देने कि कोशिश कि पर आटो चालक पैसे नहीं लिए बस इतना ही कहा कि ये मेरे दोस्त ने नहीं कहा था उसने कहा था मैं आप तीनों को छोड़कर आऊं सो मैं जा रहा हूं और बाय कहके चल दिया राधा अपने सहेली के साथ किसी तरह सबसे नजर बचाकर अपने कमरे के अंदर गई और फटाफट कपड़े बदल ली खाना खाने का मुड नहीं था पर रसोइया कहने आया कि चलीए खाना खाने के लिए और साथ में आप तीनों को प्रिंसिपल साहब ने बुलाया है ।
राधा तो डर गई कि कहीं सर को पता तो नहीं चल गया खैर चलके देखती हूं कि वो क्या कह रहे हैं और तीनों जन सर मिलने सर के पास पहुंची
तो सर ने कहा राधा बेटा आज कहा इतना देर लगा दी लगता है तु इस राम पुर को पुरा घुमकर ही छोड़ेगी बताओं आज कहां कहा घुमी कही परेशानी तो नहीं हुआ राधा अपने सहेली को आंख मारते हुए मुस्कुराते हुए बोलने लगी सर वहां गई फिर वहां गई आज घुमने में मजा आ गया
उधर राॅकी को लग रहा था कि कहीं राधा उसको पहचान लिया होगा तो ना जाने फिर क्या होगा । किन्तु ऐसा नहीं हुआ
राधा इधर उधर कि बात बताकर छुटकारा पाई । प्रिंसिपल साहब ने रानी और रीता से भी पुछा तो उसने भी कहा सर ऐसे मजा आया वैसे मजा आया । सर भी उन तीनों के कहें बातों का आनंद लेने के बाद बोले जाओ बेटा अब तुम लोग खाना खा कर सो जाना । राधा रानी और रीता वहां से आई और थोड़ा बहुत खाना खाई और सोने अपने विस्तर पर आ गई और सोने कि कोशिश करने लगी पर तीनों ये सोच रही थी कि अगर कृष्णा नहीं आता तो मैं लूट जाती और इस करवट से उस करवट लेते ना जाने कब सो गई पता ही नहीं चला पर राधा अभी भी जागी उस दुर्घटना और कृष्णा के बारे में ही सोचते हुए वो भी सो गई
इधर कृष्णा का भी यही हाल था शायद कृष्णा को राधा से प्यार हो गया था और वो मन ही मन राधा को चाहने लगा था और वो सुबह का इंतजार में सारे रात जागते रह गया । और जैसे ही चार बजे सुबह में पुजारी जी ने मंदिर में घंटी बजाए की कृष्णा अपना बांसुरी लिया और उस पेड़ के पास चल दिया उस पेड़ के पास पहुंच कर एक ऐसा स्वर को बांसुरी की हृदय से निकाला कि राधा गहरी नींद से चौकती हुए जागी और उसकी व्याकुलता ऐसे बढ़ी की वो खुद को कृष्णा के पास जाने से रोक न सकी और कृष्णा के पास पहुंच गई । राधा कुछ देर उसके बांसुरी का मधुर स्वर पान की और बोली कृष्णा
अपना नाम सुनते ही कृष्णा आंख खोला तो सामने राधा को देखकर उसके खुशी का ठिकाना न रहा । और कहने लगा कि मैडम जी आप आज भी आ गई
तो राधा बोली कृष्णा तुम मेरा नाम लेके ऐसे मुझे पुकारा न करों तुम्हारे बांसुरी की धुन मेरे रुह में उतर जाती है और मैं खुद को तुम्हारे पास आने से नहीं रोक पाती हूं।
ये क्या कह रही हों आप बांसुरी बजाना तो मेरा बचपन का आदत है । बांसुरी बजाए तो मैं खुद नहीं रह पाता हूं ये सारा वातावरण हमारे बांसुरी के धुन का दिवानी है
तो राधा फिर कहती हैं कृष्णा तुम्हारे बांसुरी की धुन की तों मैं दिवानी सी हों गई हूं
लेकिन कृष्णा ये नहीं कह पाया कि मैडम जी आप हमारे बांसुरी धुन की दिवानी हो गई है और मैं आप से मोहब्बत करने लगा हूं मैं आपके बीना अधुरा हूं कृष्णा ये मन में ही सोच रहा था शायद कृष्णा के प्यार के बीच में कृष्णा का ग़रीबी आ रहा था सो कृष्णा राधा से प्यार का इजहार करने में संकोच करता रहा था कि यदि ना हुआ तो क्या होगा आज नहीं कल कह दुंगा कल नहीं पड़सो कह दुंगा ऐसे करते दस दिन बीत गया ।
ना जाने कैसे प्रिंसिपल साहब को इस बात का पता चल गया और वो रानी और रीता को इसके बारे में पुछा तो उन दोनों ने सच बता दिया कि सर ये बात सच है कि राधा आज दस दिन से एक कृष्णा नाम के लड़के के बांसुरी धुन की कहें तो दिवानी हो गई है
सारे बातों का सही से जानकारी लेने के बाद प्रिंसिपल साहब ने सोचा सारे माता पिता अपने बच्चों को हमारे देखभाल में भेजा है अगर राधा का कुछ हुआ तो मैं कहीं मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगा इससे पहले कि कुछ गरबर हो । हमें यहां से तुरंत अपने घर चले जाना चाहिए और सब पैरेंट्स को उनका बच्चा सुरक्षित पहुंचा दूं । और रानी रीता को जाने को कहके । तुरंत सभी मास्टर और मास्टरनी को बुलाया और कहा कल का नाश्ता करके हम सब अपने बच्चों को लेकर यहां से अपने काॅलेज के लिए चलेंगे । आप सबको जो काम दिया गया था उसका हिसाब देकर पैसा ले जाईए और रासन गैस और धोबी झारु मारने वाले सब का पैसा देकर कल दोपहर को हम यहां से निकलेंगे।