कब आओगे ?
बोलो ना ! कब आओगे ?
इस बेजान जिस्म को
कब तक रुलाओगे
छोड़कर चले तो गए हो
बता भी देते ! कब आओगे ?
वैसे तो किस्सा वही है
हमारी दुनिया का
एक तू है एक मैं हूँ
जाना भुला तो दोगे
पर अकेले कैसे मुस्कुराओगे
बताओ ना ! कब आओगे ?
सुबह सवेरे फूलों से
पंखुडियां भी कहती हैं
कहाँ गए वो चाँद चकोरी
सर्द हवा भी बहती है
जाना जी तो लोगे
सांस कैसे ले पाओगे
बोलो ना ! कब आओगे ?