कब आओगे ,श्याम !( श्री कृष्ण जन्माष्टमी विशेष )
तेरे इंतजार में गुजरे ,
जीवन यह तमाम ।
कब आओगे तुम ,
मेरे प्यारे श्याम !
इतजार इतना लंबा हो गया ,
तुम्हें इसकी खबर नहीं ।
कितना और इंतजार करें ,
हम में अब इतना सब्र नहीं।
वायदा किया और तोड़ दिया,
यह तुमने अच्छा नहीं किया ।
अपने प्यारे भक्तों का दिल तोड़कर ,
तुमने अच्छा नहीं किया ।
हो रही है धर्म की बहुत हानि,
अभी और कितनी हद बाकी है ।
हो रहे बेजुबानों ,कमजोरों और मासूमों पर ,
अत्याचार ,और क्या देखना बाकी है ?
नारियां ,बच्ची हो या वृद्ध ,
सभी का जीवन और सम्मान खतरे में ।
यूं समझ लो समस्त मानव मूल्य ,
है पूर्णतः खतरे में ।
संकट में है आज वोह धरती ,
जिसमें तुमने था जन्म लिया ।
श्री हरि के आठवें अवतार बन कर ,
दुष्टों का तुमने सर्वनाश था किया ।
अब भी आज भी भारत को ,
तुम्हारी जरूरत है ।
आ जाओ जल्दी कान्हा ,
हमें तुम्हारी बहुत जरूरत हैं।