आखरन क कबरगाह
उ सबद… आखर….
ही अपन
सारथक परभाव
छोडि पाने मे
सक्षम रहल
भाइ लोगन …
जोउ स्फुटित होय
तोहर
अनतरमन सन …
भीतर क
आखरन प्रवाह सन …
अनयथा इ सभ
रचनाये उ सभ
आखरन क कबरगाह
ही त छी ……।
•••
उ सबद… आखर….
ही अपन
सारथक परभाव
छोडि पाने मे
सक्षम रहल
भाइ लोगन …
जोउ स्फुटित होय
तोहर
अनतरमन सन …
भीतर क
आखरन प्रवाह सन …
अनयथा इ सभ
रचनाये उ सभ
आखरन क कबरगाह
ही त छी ……।
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