Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 Feb 2024 · 2 min read

कबीर ज्ञान सार

भक्ति पद्धति को कबीर से अच्छा कोई समझ सका है ना समझा सका है , मैं केवल कबीर ज्ञान का अति संक्षिप्त ज्ञान जो मेरी बुद्धि और आत्मा की पकड़ में आ सका है , उसे समझने समझाने का प्रयत्न परमात्मा की कृपा से करूंगा जो शायद आपको पसंद आये
ज्ञान और कर्मरूपी पंखों के सहारे ही हंस (आत्मा) उड़ सकता है, दोनों का एक साथ होना आवश्यक है, किसी एक पंख द्वारा हंस उड़ नहीं सकता । यानि भक्ति ज्ञान और उस ज्ञान को भक्ति कर्म करके ही आत्मा अपने परमात्मा से मिल सकता है ।
माना गया है कि सृष्टि में 84 लाख योनियां है जिसमें कबीर साहेब ने बताया है कि 9 लाख-जलचर 14 लाख-पक्षी, परवाना 27 लाख -कृमि,कीट ,सरीसृप ,30 लाख-स्थावर ( पेड़ पौधे आदि) और 4 लाख पशु , स्तनधारी प्राणी देव, दानव, राक्षस, भूत, प्रेत ,पितृ आदि आखिर में मनुष्य शरीर प्राप्त होता है ,इस प्रकार कुल :-84 लाख योनियां है
जिसे अण्डज, पिण्डज(जरायु) ऊष्मज (स्वेदज )उद्भिज(अंकुरा)
आदि माने गये हैं ।
कबीर साहेब कहते हैं
निर्गुण एक कबीर अविनाशी।ब्रह्म बोलता सब घट वासी।।
जाके होय सन्त के जोरा।सो गुरू करे कबीर बन्दीछोरा ।।
कहे काल कबीर को दासा।जिन मोहि छिनम सिरज विनाशा ।।
कहे कबीर सुन काल निरंजन।अजाजील तुम साकट भंजन ।।
कबीर साहेब कहते हैं कि जिस कबीर पर सत रज तम गुणों का कोई प्रभाव नहीं है,वह कबीर ही अविनाशी है,जो सब प्राणियों के शरीर में निवास करता है और मानव शरीर के माध्यम से ही सबको ब्रह्म ज्ञान देता है। जिसके सन्त से मिलने के योग होते हैं,वही बन्दीछोड़ इस संसार के बंधन से छुड़ानेवाले कबीर को गुरू बनाता है । काल ब्रह्म (गीता अध्याय 11 श्लोक 32 पढ़े ) कहता है कि मैं तो कबीर साहेब का दास हूँ, जिसने मुझे क्षण में उतपन्न करके विनाश कर दिया यानि मेरा जन्म और मरण कबीर साहेब के हाथ में है । साहेब कबीर कहते है कि काल निरंजन सुन अजाजील फरिश्ता या देवदूत तुम्हारे सब संकटो को दूर करनेवाला है ।
कबीर साहेब ने कहा है कि
सारनाम कबीर का दूजा नहीं है और
ढूंढ़े ढूंढें ढूंढत फिरो चाहों धरती चहु ओर ।।
ठौर ठाम इक धाम है,सत का है स्थान
सत का वह स्थान जहाँ सतगुरू सतपुरूष वास ।।
साहेब कबीर कहते है
कि कबीर का नाम ही सार है दूसरा नहीं है ,आप चाहे धरती के चारों ओर घूम लो यानि छानबीन करलो और सच्चा स्थान भी एक ही है जहाँ सतगुरू रूप में सतपुरूष यानि सच्चे परमात्मा का निवास है ।
उस स्थान को,उस सतपुरूष को साहेब कबीर द्वारा दिये गये नामों से ही प्राप्त किया जा सकता है जो सदैव स्थायी है जिसका कभी नाश नहीं होता । जिसे सच्चा लोक या सतलोक भी कहते हैं।
मधुप “बैरागी”
दोपहर 3.7 मिनट ( भूरचन्द जयपाल )
11.2.2024
बीकानेर (राजस्थान)

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 702 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from भूरचन्द जयपाल
View all
You may also like:
* उपहार *
* उपहार *
surenderpal vaidya
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
फूलों की तरह मैं मिली थी और आपने,,
Shweta Soni
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
मैं भी आज किसी से प्यार में हूँ
VINOD CHAUHAN
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
Dr Arun Kumar shastri एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
3364.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3364.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
मेरे प्रेम पत्र 3
मेरे प्रेम पत्र 3
विजय कुमार नामदेव
********** आजादी के दोहे ************
********** आजादी के दोहे ************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
"रिश्ता टूटे ना"
Yogendra Chaturwedi
शादीशुदा🤵👇
शादीशुदा🤵👇
डॉ० रोहित कौशिक
সেই আপেল
সেই আপেল
Otteri Selvakumar
खयालात( कविता )
खयालात( कविता )
Monika Yadav (Rachina)
तुम अपनी शादी में बुलाना  मै  आऊंगा जरूर....
तुम अपनी शादी में बुलाना मै आऊंगा जरूर....
Vishal Prajapati
अव्दय
अव्दय
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
अदब  नवाबी   शरीफ  हैं  वो।
अदब नवाबी शरीफ हैं वो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मनोभाव
मनोभाव
goutam shaw
किसी के ख़्वाबों की मधुरता देखकर,
किसी के ख़्वाबों की मधुरता देखकर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
नयनों में नहीं सनम,
नयनों में नहीं सनम,
Radha Bablu mishra
शाश्वत और सनातन
शाश्वत और सनातन
Mahender Singh
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
वो बाते वो कहानियां फिर कहा
Kumar lalit
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
मेरा कान्हा जो मुझसे जुदा हो गया
कृष्णकांत गुर्जर
भारत के वीर जवान
भारत के वीर जवान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
*महाराजा अग्रसेन और महात्मा गॉंधी (नौ दोहे)*
*महाराजा अग्रसेन और महात्मा गॉंधी (नौ दोहे)*
Ravi Prakash
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
जिंदगी हमको हँसाती रात दिन
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
मेरा प्रेम पत्र
मेरा प्रेम पत्र
डी. के. निवातिया
"मुसाफ़िर"
Dr. Kishan tandon kranti
..
..
*प्रणय*
*लोकमैथिली_हाइकु*
*लोकमैथिली_हाइकु*
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
संघर्ष....... जीवन
संघर्ष....... जीवन
Neeraj Agarwal
आब-ओ-हवा
आब-ओ-हवा
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ
लेकिन मैं तो जरूर लिखता हूँ
gurudeenverma198
Loading...