कफन
नीतिमत्ता और नैतिकता
आदर्श और आदर्शिता.
है किस्से कहानी तक सिमित इनकी उपयोगीता.
प्रत्यक्ष जीवन मे नही है इनका काम.
गर किया उपयोग तो हो जाओगे बदनाम.
मत रखो नैतिकता.
मत दिखाओ आदर्श.
और अगर रखेंगे इसका हट.
तो होगा नही तुम्हारा उत्कर्ष.
अगर रहना है तुम्हे इस युग मे जिंदा.
तो होने दो तुम्हारा नैतिक पतन.
आदर्श को भी कर दो गहराई मे दफन.
और चढादो उसपर स्वार्थ का कफन.