*कफन*
“कुछ ना साथ तेरे जाएगा
एक दिन सफेद चादर में लिपटा हुआ अस्तित्व
धुँध सा कहीं खो जाएगा
यह अहम्, अहंकार एक दिन
मिट्टी में मिल जाएगा
जिस देह पर तू इतराता फिर रहा
शमशान में जा कर
जलकर खाक हो जाएगा
जा कर ले मौज खुशियाँ मना ले
और यारों के साथ हँस लें हँसा लें
उस दुनिया में तेरे साथ कोई ना जाएगा
चाहे कितना तू सच से जी चुरा ले
कितना ही तू इस बात को हँसी में उड़ा लें
नसीब तेरा इस कफन से
ज्यादा ऊपर उठ ना पाएगा”✍🏻