कन्या पूजन
विधा -लघु कथा
शीर्षक- कन्या पूजन
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आज नवरात्रि के पावन त्योहार पर रामनाथ के घर पर काफी चहल पहल थी। हलवा चना का भोग देवी माँ को अर्पित किया गया और कन्याओं को जिमाने के लिए मोहल्ले भर में न्योता भेजा गया ।
लेकिनरामनाथ की बहू सरला का मन नहीं लग रहा था वह आँखों में आँसू भर कर मन ही मन सिसक रही थी। सोच रही थी कि मेरे घर वालों की तरफ से यह दिखावा क्यों? यह कन्या- पूजन क्यो ? नवरात्रि का त्योहार क्यों ? जबकि पता नहीं कितने बार बेटे के लालच में कन्याओ को उसकी कोख में ही मार दिया गया .. और मुझे मातृत्व सुख से वंचित कर दिया गया …
आखिर क्यों?
एक बेटे की चाहत में कन्या पूजन ….
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राघव दुबे
इटावा (उ०प्र०)
8439401034