*कन्या-धन जो दिया ईश तुम को प्रणाम सौ बार (गीत)*
कन्या-धन जो दिया ईश तुम को प्रणाम सौ बार (गीत)
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कन्या-धन जो दिया ईश तुम को प्रणाम सौ बार
1
उसका शुभागमन ऐसा, ज्यों नभ में लाली छाई
वह आई धरती पर, मानो सूर्य-किरण मुस्काई
वह बेटी थी धन्य हो गया उससे घर-परिवार
2
दुर्गा के नौ रूप सूक्ष्म-गुण उसमें बसते पाए
बनने सिर्फ सवारी उसके लिए सिंह सब आए
शंख-पद्मधारी वह रखती अनुपम शुभ्र विचार
3
वह खुद में धन की देवी परआश्रित कभी न पाई
ज्ञान-बुद्धि की वह देवी मस्तिष्क बलवती लाई
नहीं सहेगी कभी दासता अथवा अत्याचार
कन्या-धन जो दिया ईश तुम को प्रणाम सौ बार
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रचयिता : रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451