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14 Nov 2017 · 1 min read

कन्या का आगमन

खिली हो तुम फूल बनकर उस बगिया मेँ
जहाँ…
बरसोँ से तितलीयों का आना-जाना नहीँ,
महकी हो तुम खुशबू सी उस गुलिस्तां में
जहाँ…
अरसे से उन काले भँवरों की गूँजार नहीं ।
किलकारी तेरी पंछीयों के कलरव सी
जैसे…
भौर हुई हो इस धरती मां पर अभी-अभी,
हर एक मुस्कान तेरी हम सब लूटेँ ऐसे
जैसे…
चांद लूटाये चाँदनी को प्यार कभी-कभी ।
चूम लेगा आँगन भी तेरे पाँव उस दिन
जब…
तुम चला करोगी नन्हें पद चिन्हों को छोङकर,
कब आयेगेँ तेरी चंचलता से भरे वो दिन
जब…
तुम रूठा करोगी प्यारा सा मुख मोङकर ।
खुशियोँ से भर दिया है तुमने दिल हमारा,
हुआ है जब से इस कुटिर मेँ आगमन तुम्हारा ॥

© राजदीप सिँह इन्दा

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 697 Views
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