कदर करता हूं
ग़म हजारों दिल में हैं मगर
होंठों पे मुस्कान सजाऐ रखता हूं
मुझे कोई नहीं समझता फिर भी
सभी के जज्बातों की कदर करता हूं
शिव प्रताप लोधी
ग़म हजारों दिल में हैं मगर
होंठों पे मुस्कान सजाऐ रखता हूं
मुझे कोई नहीं समझता फिर भी
सभी के जज्बातों की कदर करता हूं
शिव प्रताप लोधी