कदम पीछे हटाना मत
** गीतिका **
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बढ़े हैं जो कदम पीछे हटाना मत।
कहो अब मुश्किलों को पास आना मत।
उड़ा दी ठोकरों से आज हर बाधा।
हमें हर बार यूं ही आजमाना मत।
नया उत्साह हर पल हो बढ़ा जाता।
पुरानी बात को मन से लगाना मत।
धरातल पर उतर कर बात कर लेना।
कभी सपने हवा में अब दिखाना मत।
सहायक बन सको तो बात है अच्छी।
जरूरी है गरीबों को सताना मत।
वजन जितना उठे उतना उठा लेना।
कभी सीमा से’ अपनी पार जाना मत।
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-सुरेन्द्रपाल वैद्य, मण्डी (हि.प्र.)