Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
24 Jan 2021 · 1 min read

कदमों में बिखर जाए।

छंद- रजनी आधारित गीतिका
मापनी- 2122 2122 2122 2
प्रदत्त पदांत- जाए
प्रदत्त समांत- अर

टूट कर हम आज कदमों में बिखर जाए।
दर तुम्हारा छोड़ कर बोलो किधर जाए।

ज़िन्दगी तेरे बिना मुश्किल हुआ जीना,
तुम कहो तो मौत के दरिया उतर जाए।

पड़ गई आदत तुम्हारी इस तरह देखो
दूरियों को सोच कर साँसें ठहर जाए।

बन गई हूँ हमसफ़र साथी तुम्हारी हूँ,
तुम चलोगे जिस डगर हम उस डगर जाए।

देह पावन हो गया देखो तुम्हें छूकर,
रूह में तुमको बसा कर हम सँवर जाए।

माँगती हूँ रात दिन इतना दुआओं में,
संग तेरे उम्र की घड़ियाँ गुजर जाए।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली

3 Likes · 4 Comments · 414 Views
Books from लक्ष्मी सिंह
View all

You may also like these posts

मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
मैं उसको जब पीने लगता मेरे गम वो पी जाती है
डॉ. दीपक बवेजा
कवियों का अपना गम...
कवियों का अपना गम...
goutam shaw
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
खुद क्यों रोते हैं वो मुझको रुलाने वाले
खुद क्यों रोते हैं वो मुझको रुलाने वाले
VINOD CHAUHAN
अलख क्रांति
अलख क्रांति
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
नया
नया
Neeraj Agarwal
विषधर
विषधर
आनन्द मिश्र
!..........!
!..........!
शेखर सिंह
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
सत्य कुमार प्रेमी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
भक्षक
भक्षक
Vindhya Prakash Mishra
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
कहा कहां कब सत्य ने,मैं हूं सही रमेश.
RAMESH SHARMA
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
*बाबा लक्ष्मण दास जी की स्तुति (गीत)*
Ravi Prakash
वो काल है - कपाल है,
वो काल है - कपाल है,
manjula chauhan
बदलते मूल्य
बदलते मूल्य
Shashi Mahajan
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
चलो मैं आज अपने बारे में कुछ बताता हूं...
Shubham Pandey (S P)
सोशल मीडिया में आधी खबरें झूठी है और अखबार में पूरी !!
सोशल मीडिया में आधी खबरें झूठी है और अखबार में पूरी !!
P S Dhami
।।
।।
*प्रणय*
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
बह्र 2122 2122 212 फ़ाईलातुन फ़ाईलातुन फ़ाईलुन
Neelam Sharma
दिल के रिश्ते
दिल के रिश्ते
Bodhisatva kastooriya
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
कर्म यदि अच्छे हैं तो डरना नहीं
Sonam Puneet Dubey
शहर का मैं हर मिजाज़ जानता हूं....
शहर का मैं हर मिजाज़ जानता हूं....
sushil yadav
*कौन-सो रतन बनूँ*
*कौन-सो रतन बनूँ*
Poonam Matia
बचपन लोटा दो
बचपन लोटा दो
पूर्वार्थ
जिंदगी का सवेरा
जिंदगी का सवेरा
Dr. Man Mohan Krishna
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्
होली के पावन पर्व पर पुलवामा शहीदों और पल - पल शहीद होते अन्
Seema Verma
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
*राम स्वयं राष्ट्र हैं*
Sanjay ' शून्य'
संसद में लो शोर का,
संसद में लो शोर का,
sushil sarna
खेजड़ी
खेजड़ी
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
Loading...