कथनी करनी में भेद न कर !
कथनी करनी में भेद न कर,
उठ चल अब और अबेर न कर !
सीधा सच्चा जीवन पथ रख
कर्मों का निज अमृत रस चख,
तू जाति धर्म विचार न कर
तज ऊंच नीच अब देर न कर !
कथनी करनी में भेद न कर,
उठ चल अब और अबेर न कर !
तू राष्ट्र धर्म सर्वोपरि रख,
निवलों-विकलों में ईश्वर लख
सादा तन उच्च विचार परख
खाये वर्तन में छेद न कर
कथनी करनी में भेद न कर,
उठ चल अब और अबेर न कर