कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम में राम ।
कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम में राम ।
मन-मंदिर मेरा बने, उनका पावन धाम ।।
धन्य-धन्य प्रभु आप हैं, लिया राम अवतार।
मानवता हित खोलने, उच्च चेतना-द्वार।।
© सीमा अग्रवाल
कण-कण में श्रीराम हैं, रोम-रोम में राम ।
मन-मंदिर मेरा बने, उनका पावन धाम ।।
धन्य-धन्य प्रभु आप हैं, लिया राम अवतार।
मानवता हित खोलने, उच्च चेतना-द्वार।।
© सीमा अग्रवाल