कड़वे सच
मैं बागी हूं,
इंकलाबी हूं।
सच कहने का
बस आदी हूं।
ना नक्सल हूं,
ना जेहादी हूं।
ना दंगाई हूं,
ना फसादी हूं।
Shekhar Chandra Mitra
मैं बागी हूं,
इंकलाबी हूं।
सच कहने का
बस आदी हूं।
ना नक्सल हूं,
ना जेहादी हूं।
ना दंगाई हूं,
ना फसादी हूं।
Shekhar Chandra Mitra