कटखना कुत्ता( बाल कविता)
कटखना कुत्ता( बाल कविता)
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एक कटखने कुत्ते ने जब
छह को जमकर काटा,
एक अहिंसावादी ने तब
ज्ञान आ निजी बाँटा ।।
बोला” इससे शांति-वार्ता
सब चलकर करते हैं,
पूछें क्यों नाराज आजकल
क्यों हमसे लड़ते हैं ?”
जनता बोली” शांति-वार्ता
जनता नहीं सहेगी,
इसकी दुम टेढ़ी है तो
टेढ़ी ही सदा रहेगी।।
जंजीरों में जकड़ो इसको
या बन्दूक चलाओ,
यह लातों का भूत
बात से इसको नहीं मनाओ।।”
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रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451