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15 Jan 2018 · 1 min read

कजा से जो हमेशा ही लड़ा है

कजा से जो हमेशा ही लड़ा है ।
उसी में फूल जीवन का खिला है ।।

चलो,अमराई की ठंडक मिलेगी ,
नदी के पार कच्चा रास्ता है ।।

हवा से तेज चलती जो हवा है ।
वही तो भेजती उसको सदा है ।।

रोग से हो जाए उल्फ़त ग़र तेरी,
उसी के बाद आएगा ख़ुदा है ।।

– ईश्वर दयाल गोस्वामी ।

6 Likes · 4 Comments · 756 Views
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