कच्चे आम
हम सभी यार
चल पड़े एक साथ
कच्चे आम खाने
पुराने बगिया के पास।
कड़ी धूप में दौड़ते-भागते
गला सूख गया सबका
आम खाने की चाहत में
फिर भी दौड़ते रहे।
पहुंचे जब हम बगिया के पास
देखा खड़ा था एक चौकीदार
तुरंत हम पीछे की तरफ भागे
कुदते-फादंते दीवार के पार
तुरंत पेड़ पर पत्थर मारा
टूट कर गिरे कई आम
तब सबने मिलकर आम चखा
आधे कच्चे आधे पक्के आम।