कक्षा में प्रथम
कक्षा में प्रथम
घर के सामने स्कूल वेन रुकी। वेन से उतर कर सुंदर घर में प्रवेश करते ही, सीधी मम्मी-पापा के पास पहुंची।
गुड आफ्टर नून करके बोली, “पापा एस. डी. एम. से बड़ा कौन होता है?”
पापा बोले,”एस. डी. एम. से बड़ा तो डी. सी. ही होता है।”
सुंदरता बोली, “मैं बड़ी होकर, पढ़-लिख कर डी. सी. बनूंगी।”
मम्मी बोली, “सुंदरा आज कैसी बात कर रही है?”
सुंदरता बोली, “कक्षा में प्रथम थी। लेकिन अध्यापकों ने एस. डी. एम. का लड़का प्रथम निकाल दिया। मैंने छुपकर सुना, टीचर्स बातें कर रही थी कि प्रथम तो सुंदरता है। लेकिन मजबूरन एस डी एम का लड़का प्रथम निकालना पड़ रहा है।”
अपनी बेटी की बातें सुनकर मम्मी-पापा ने उसे छाती से लगा लिया। मम्मी भावुक होकर बोली, “बेटी तू डी. सी. जरूर बनेगी।”
-विनोद सिल्ला