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15 Jun 2016 · 1 min read

कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने

कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने
कई अरमान भी बेचे चुकाने क़र्ज़ को अपने
अकेले आज भी है हम समझ में ये नही आता
कहाँ जाएँ दिखाने मन दुखाते मर्ज़ को अपने

डॉ अर्चना गुप्ता

Language: Hindi
2 Comments · 715 Views
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