कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने
कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने
कई अरमान भी बेचे चुकाने क़र्ज़ को अपने
अकेले आज भी है हम समझ में ये नही आता
कहाँ जाएँ दिखाने मन दुखाते मर्ज़ को अपने
डॉ अर्चना गुप्ता
कई सपने किये अर्पण निभाने फ़र्ज़ को अपने
कई अरमान भी बेचे चुकाने क़र्ज़ को अपने
अकेले आज भी है हम समझ में ये नही आता
कहाँ जाएँ दिखाने मन दुखाते मर्ज़ को अपने
डॉ अर्चना गुप्ता