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17 May 2021 · 1 min read

कंचे का घर

यह कंचे का
एक घर है और
उसमें कैद मैं
एक आग का गोला
जला देती
मैं इसे न जाने
कभी का
लेकिन खामोश हो
चुपचाप
मुंह पर अंगुली रखकर
एक कोने में पड़ी हूं
आंखें खुली रखती हूं
सब कुछ घटित होते देखती हूं पर
मुंह से कुछ नहीं कहती
एक शब्द भी बोला तो
बिना मेरे कुछ जलाये
सब कुछ खुद ब खुद
जल जायेगा
राख हो जायेगा
तबाह हो जायेगा
खत्म हो जायेगा
घर जल जायेगा और
इसमें रह रहे घरवाले भी
एक कदम गलत उठाने से
कई जिन्दगियों का
एक साथ
दर्दनाक अंत हो जायेगा।

मीनल
सुपुत्री श्री प्रमोद कुमार
इंडियन डाईकास्टिंग इंडस्ट्रीज
सासनी गेट, आगरा रोड
अलीगढ़ (उ.प्र.) – 202001

Language: Hindi
553 Views
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