कंकड़ पत्थर के जंगल में
कंकड़ पत्थर के जंगल में
तरुवर छाँव कहाँ से लाऊँ ,
तपस में तपती मीनारों की
कैसे अब मैं तपन मिटाऊँ ।
पूछ रही नव पीढ़ी मेरी
कैसी होती छाँव घनेरी
छपी हुई जो कहानियों में
वही हरियाली उन्हें दिखाऊँ ।
हरा भरा संसार कहाँ है
कैसी शुद्ध हवा होती है
प्रश्न बाल वृंदों के मेरे
क्या उनको उत्तर बतलाऊँ ।
डॉ रीता सिंह
चन्दौसी सम्भल