और जीना चाहता हूं मैं
जब मर जाता है कोई
तारीफ तभी होती है
उस आदमी की अच्छाई
सबको तभी दिखती है
हैरान हूं इस दस्तूर से
ऐसा क्यों होता है
जो जानता भी नहीं
वो भी आंसू बहाता है
काश ऐसा प्यार हम
जीवित लोगों पर दिखाएं
उनकी खूबियां खुद
हम उनको ही बताएं
महसूस करे जो अकेला
उसको थोड़ा वक्त दे पाएं
किसी के बारे में बिना जाने
हम अफवाहें न फैलाएं
है वो भी बहन बेटी या
बाप भाई किसी का
बिना बात हम तिरस्कार
न करें कभी किसी का
मरकर महान नहीं
बनना चाहता हूं मैं
अभी और ये ज़िंदगी
जीना चाहता हूं मैं।