और आखिर मुझ़से बेहतर, कौन है?
बोलिये जी मुझसे बेहतर, कौन है,
ठण्ड जो सहता है हँसकर, कौन है?
ठण्ड का जिसपे असर होता नहीं,
बोलिये वो खाल…पत्थर, कौन है?
ठण्ड से हारा सिकंदर, भी यहाँ,
अब बताओ तुम धुरन्धर, कौन है?
नाम मेरा ही कहे उम्मीद है,
और आखिर मुझ़से बेहतर, कौन है?
जे0 पी0 ‘धुरंधर’/
आर्यन पाठक ‘शायर’