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31 Oct 2021 · 1 min read

औरत

तू नहीं बनी है
इस नुमाइश के लिए!
किसी अय्याश की
फ़रमाइश के लिए
तू जिस्म ही नहीं,
एक ज़ेहन भी तो है!
अपने अंदर झांक
आज़माइश के लिए!
Shekhar Chandra Mitra

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 186 Views
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